प्रोटीन के नए फंक्शन की खोज की भारतीय मूल के वैज्ञानिक ने

टोरंटो । भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने प्रोटीन के नए फंक्शन की खोज की है। इस हालिया खोज से उम्र से संबंधित बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। कनाडा के मैकमास्टर विश्वविद्यालय की टीम ने एक प्रोटीन का एक नया, अज्ञात कोशिका-सुरक्षात्मक कार्य खोजा है।जो उम्र संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए नए रास्ते खोल सकता है और बुढ़ापे के दौरान व्यक्ति को स्वस्थ बनाए रखने की दिशा में काम करता है। ताजा अध्ययन के अनुसार, कोशिकाएं प्रोटीन को गलत तरीके से बना सकती हैं, और सफाई प्रक्रिया बाधित हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप, प्रोटीन एक साथ चिपक सकते हैं, जिससे हानिकारक जमाव हो सकता है जो अल्जाइमर और पार्किंसन जैसी बीमारियों से जुड़ा है। शोध की देखरेख करने वाले प्रोफेसर भगवती गुप्ता ने कहा, प्रोटीन इकट्ठा होने से यदि कोशिकाएं तनाव का अनुभव कर रही हैं तो एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम को इन प्रोटीनों को बनाना बंद करने का संकेत मिलता है।
शोध टीम ने पाया कि एमएएनएफ नामक सुरक्षात्मक प्रोटीन का एक वर्ग कोशिकाओं को कुशल और स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पहले के अध्ययनों से पता चला था कि एमएएनएफ कोशिकीय तनाव को कम करने में मदद करता है। टीम ने यह समझने की कोशिश की कि यह कैसे होता है, इसके लिए उन्होंने सी. एलिगेंस नामक सूक्ष्म कृमियों का अध्ययन किया। उन्होंने सी. एलिगेंस में एमएएनएफ की मात्रा में हेरफेर करने के लिए एक प्रणाली बनाई। ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय में पोस्ट-डॉक्टरल फेलो शेन टेलर ने कहा, एमएएनएफ मनुष्यों सहित सभी जानवरों में मौजूद है। हम मौलिक और यांत्रिक विवरण सीख रहे हैं, जिन्हें बाद में उच्च प्रणालियों में परखा जा सकता है।
गुप्ता ने कहा, सेलुलर होमियोस्टेसिस में एमएएनएफ की भूमिका की खोज से पता चलता है कि इसका उपयोग मस्तिष्क और शरीर के अन्य भागों को प्रभावित करने वाली बीमारियों के उपचार को विकसित करने के लिए किया जा सकता है, जो कोशिकीय प्रक्रियाओं को लक्षित करके, कोशिकाओं में इन विषाक्त गांठों को साफ करके और उनके स्वास्थ्य को बनाए रखकर किया जाता है।टीम ने पाया कि एमएएनएफ कोशिकाओं पर महत्वपूर्ण तरीके से काम करती है क्योंकि यह प्रोटीन को तोड़कर कोशिकाओं को स्वस्थ और अव्यवस्था मुक्त रखते में मदद करती है। एमएएनएफ के स्तर में वृद्धि से कोशिकाओं के भीतर एक प्राकृतिक सफाई प्रणाली भी सक्रिय हो जाती है।