नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग और आरजू बिश्नोई गैंग के सात शूटर्स को गिरफ्तार कर लिया है। यह शूटर्स हरियाणा और राजस्थान में मर्डर की वारदातों को अंजाम देने वाले थे। हालांकि स्पेशल सेल ने समय रहते ही इनके मंसूबों को नाकाम कर दिया। आरोपियों के पास से पुलिस ने काफी संख्या में हथियारों की भी बरामदगी की है। ये सभी आरोपी पहले भी मर्डर और जबरन वसूली की कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, चार राज्यों हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली से सात शूटर्स पकड़े गए हैं। यह हरियाणा और राजस्थान में मर्डर करने वाले थे। साथ ही आरोपियों के निशाने पर और भी लोग थे।
स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने कहा कि आरोपियों के पास से 6 सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल, 26 कारतूस, चोरी की कार, मोटरसाइकिल और जीपीएस ट्रैकिंग डिवाइस मिले हैं। उन्होंने बताया कि इस डिवाइस का इस्तेमाल करके शूटर टारगेट को ट्रैक करते थे और पीछा कर सुनसान इलाके में वारदात को अंजाम देते थे
कुशवाहा ने बताया कि इन शूटर्स को आरजू बिश्नोई नाम का शख्स इंस्ट्रक्शन दे रहा था। आरजू बिश्नोई लॉरेंस गैंग से जुड़ा हुआ है, लेकिन अनमोल बिश्नोई इसे ऑपरेट कर रहा था। उन्होंने कहा कि आरजू बिश्नोई के अनमोल बिश्नोई के साथ लिंक मिले हैं। आरजू फिलहाल फरार है। उन्होंने बताया कि आरोपी गंगानगर के पूर्व विधायक राजकुमार गर्ग के भांजे सुनील पहलवान की हत्या करने की फिराक में थे। इन्हें फिलहाल यह टारगेट दिया गया था और उसके बाद और काम मिलना था।
उन्होंने बताया कि इस मामले में 23 अक्टूबर को पहली गिराफ्तारी हुई थी और दिल्ली के कमला नगर से सुखराम नाम के शख्स को पकड़ा गया था। इसके बाद साहिल और अमोल को अरेस्ट किया गया और फिर स्पेशल सेल ने रितेश को गिरफ्त में लिया। बाद में प्रमोद, संदीप और बादल की गिरफ्तारी हुई।
डीसीपी कुशवाहा ने बताया कि आरोपियों को जिस शख्स की हत्या करनी थी, वह उसकी दो बार रेकी कर चुके थे। पुलिस की गिरफ्त में आया रितेश बिहार का रहने वाला है। वह गंगानगर में रेकी कर रहा था। वहीं गिरफ्त में आए सुखराम ने बताया कि सुनील पहलवान की हत्या की जानी थी। बादल, संदीप और अमोल भी रेकी कर चुके थे।
उधर, एनआईए ने जेल में बंद कुख्यात अपराधी लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई के बारे में सूचना देकर उसे गिरफ्तार कराने पर 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है।