धीरेंद्र शास्त्री का कटाक्ष, दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध, नए साल पर नहीं

नई दिल्ली । दीपावली पर पटाखों पर लगे प्रतिबंध के बीच बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने बयान दिया है, जिसमें उन्होंने दीपावली पर पटाखों का उपयोग करने और धार्मिक त्यौहारों पर प्रतिबंधों के चयनात्मक दृष्टिकोण पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हर बार सनातन धर्म के त्यौहारों पर प्रदूषण और नियमों का हवाला देकर पाबंदियाँ लगाती हैं। उन्होंने दीपावली मनाने के अपने तरीके पर कहा कि वह त्यौहार को पारंपरिक रूप से मनाएंगे और इसके लिए उन्होंने पटाखे भी खरीद लिए हैं।
पीठाधीश्वर शास्त्री ने दीपावली के पटाखों पर प्रतिबंध की तुलना बकरीद जैसे अन्य त्यौहारों से कर कहा कि बकरीद पर जो बकरे काटे जाते हैं, वे भी गरीबों में बांटे जा सकते हैं, जिससे हिंसा भी नहीं होगी और गरीबों की मदद भी हो सकेगी। उन्होंने नए साल पर पटाखों के उपयोग को लेकर भी सवाल उठाकर कहा कि तब प्रदूषण पर ध्यान क्यों नहीं दिया जाता। साथ ही उन्होंने होली पर पानी बर्बाद होने की चिंता जताने वालों पर कटाक्ष कर कहा कि जब अन्य धर्मों के त्यौहारों पर खून-खराबा होता है, तब इसतरह के लोग आवाज नहीं उठाते। उन्होंने हिंदू त्यौहारों पर दोगलेपन को बंद करने की बात की।
ज्ञात हो कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने प्रदूषण के कारण पटाखों पर सख्त नियम लागू किए हैं। इन राज्यों में केवल ग्रीन पटाखों का सीमित समय के लिए उपयोग करने की अनुमति है, जो पर्यावरण को कम नुकसान पहुँचाते हैं। धीरेंद्र शास्त्री का यह बयान उन लोगों में चर्चा का विषय बन गया है, जो धार्मिक त्योहारों के दौरान पर्यावरण संतुलन और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए नियमों का पालन करने की बात करते हैं।