नई दिल्ली । दीपावली का त्यौहार 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। अमावस्या की रात को शाम 4 बजे के बाद से पूजा का समय शुरू होगा, जो कि 1 नवंबर की शाम तक रहेगा। इस विशेष मौके पर कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जो लक्ष्मी पूजन और नए कार्यों की शुरुआत के लिए अनुकूल रहने वाले है।
पंडितों के अनुसार, 31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन के लिए 6 खास मुहूर्त हैं:
शाम 4:00 बजे – 5:00 बजे
शाम 5:00 बजे – 6:00 बजे
शाम 6:00 बजे – 7:00 बजे
शाम 7:00 बजे – 8:00 बजे
रात 8:00 बजे – 9:00 बजे
रात 9:00 बजे – 10:00 बजे
लक्ष्मी पूजन की सामग्री
दीपक: 4-5 दीपक
बाती: दीपक के लिए
मोमबत्तियाँ
इत्र: पूजा में सुगंध के लिए
फूल: खासतौर पर कमल और गुलाब
फलों का भोग: जैसे सेब, केला, संतरा
मिठाई: खासतौर पर लड्डू और बरफी
चावल और अनाज
कुमकुम और चंदन: पूजन के लिए
सोना या चांदी का सिक्का: धन के लिए
कुबेर और तिजोरी की पूजा विधि
तिजोरी की सफाई: सबसे पहले तिजोरी को अच्छे से साफ करें और उस पर चंदन का लेप करें।
कुबेर का पूजन: कुबेर की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें और उन्हें पुष्प अर्पित करें।
धूप और दीप जलाना: कुबेर के समक्ष धूप और दीप जलाएं।
धन का संकल्प: तिजोरी में रखे धन के लिए संकल्प करें कि यह धन आपके घर में समृद्धि लाएगा।
कुबेर मंत्र का जप: ॐ श्री कुबेराय नमः का जाप करें।
प्रसाद अर्पित करें: पूजा के अंत में मिठाई और फल का प्रसाद अर्पित करें।
दिवाली महालक्ष्मी योग में लक्ष्मी पूजन करने से घर में समृद्धि और सुख-शांति का वास होगा।