पीडीपी विधायक ने की जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने की मांग
नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को भारी हंगामा हुआ। विधानसभा शुरू होते ही पीडीपी विधायक वहीद पारा ने एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध किया गया। साथ ही जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा फिर से बहाल करने की मांग की गई। विधानसभा में पेश इस प्रस्ताव के विरोध में भाजपा के विधायकों ने हंगामा किया।
पीडीपी विधायक वहीद पारा का कहना था कि जम्मू-कश्मीर को फिर से विशेष दर्जा मिलना चाहिए और आर्टिकल 370 की बहाली होनी चाहिए। फिलहाल जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है, जहां दिल्ली की तरह ही विधानसभा है। पुलवामा विधायक के इस प्रस्ताव के खिलाफ भाजपा के सभी 28 विधायक सीटों पर खड़े हो गए और तीखा विरोध किया।
बीजेपी ने की वहीद पारा के निलंबन की मांग
भाजपा विधायक शाम लाल शर्मा ने तो वहीद पारा को निलंबित करने की मांग की, और कहा कि वहीद ने इस तरह का प्रस्ताव लाकर सदन के नियमों का उल्लंघन किया है। इस दौरान स्पीकर अब्दुल रहीम राथर बार-बार अपील करते रहे कि सभी विधायक अपनी सीटों पर बैठ जाएं, लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी। स्पीकर ने कहा कि अभी यह प्रस्ताव मेरे पास नहीं आया है। इसे पढ़ने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। भाजपा के विधायक लगातार हंगामा करते रहे तो नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक भी वेल में आ गए। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 को हटाने का फैसले 5 अगस्त 2019 में किया था। इसी दिन संसद में राज्य के पुनर्गठन का प्रस्ताव भी आया था और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला था। वहीं लद्दाख को अलग कर दिया गया था।
अब्दुल रहीम राथर बने विधानसभा अध्यक्ष
इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और सात बार के विधायक अब्दुल रहीम राथर जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए हैं। विपक्षी दलों द्वारा इस पद के लिए चुनाव न लड़ने का फैसला किए जाने के बाद राथर (80) को ध्वनि मत से अध्यक्ष चुना गया। प्रोटेम स्पीकर मुबारक गुल ने चुनाव का संचालन किया। कृषि मंत्री जावेद अहमद डार ने पांच दिवसीय सत्र के पहले दिन राथर को अध्यक्ष पद के लिए नामित करने का प्रस्ताव पेश किया और नेकां के विधायक रामबन अर्जुन सिंह राजू ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।