कैनबरा । ऑस्ट्रेलिया और भारत ने रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायुसेना (आरएएएफ) और भारतीय सशस्त्र बलों को हवा से हवा में ईंधन भरने में सक्षम बनाने के लिए एक व्यवस्था पर हस्ताक्षर किए हैं। यह जानकारी ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्रालय के एक बयान में दी गई है। इसके अनुसार रक्षा उद्योग और क्षमता वितरण मंत्री पैट कॉनरॉय एमपी और भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को द्विपक्षीय चर्चा के दौरान इस व्यवस्था की घोषणा की।
इस व्यवस्था के तहत आरएएएफ का हवा से हवा में ईंधन भरने वाला विमान केसी-30ए मल्टी-रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट भारतीय सशस्त्र बलों के विमानों में ईंधन भरने में सक्षम होगा। बयान में कहा गया है कि वायु सेना के उप प्रमुख, एयर वाइस मार्शल हार्वे रेनॉल्ड्स, एएम ने 19 नवंबर को नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया-भारत एयर स्टाफ वार्ता में व्यवस्था पर हस्ताक्षर किए। रेनॉल्ड्स ने व्यवस्था का स्वागत करते हुए कहा कि यह ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करता है। रेनॉल्ड्स ने कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया के लिए शीर्ष स्तरीय सुरक्षा साझेदार है और हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से हम व्यावहारिक और ठोस सहयोग को प्राथमिकता देना जारी रख रहे हैं, जो सीधे हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता में सहयाेगी हाेगा। भारतीय सशस्त्र बलों के साथ हवा से हवा में ईंधन भरने की क्षमता हमारी अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाती है और हमें विभिन्न परिदृश्यों में अधिक प्रभावी ढंग से सहयोग करने में सक्षम बनाती है। यह व्यवस्था भारत के साथ हमारे संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम है और हमारे कर्मियों को एक साथ मिलकर काम करने, ज्ञान और विशेषज्ञता साझा करने और विश्वास और समझ बनाने के लिए मूल्यवान अवसर प्रदान करेगी। बयान में रेनॉल्ड्स के हवाले से कहा गया। आरएएएफ भारतीय नौसेना के पी-81 नेप्च्यून निगरानी विमान के साथ प्रशिक्षण और जुड़ाव गतिविधियां भी संचालित करता है। बयान के अनुसार इस व्यवस्था पर हस्ताक्षर केसी-30ए द्वारा पी-81 में ईंधन भरने की दिशा में पहला कदम है, जिससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की पहुंच और दृढ़ता बढ़ेगी।