गौतम अडाणी रिश्वत केस मद्रास हाईकोर्ट पहुंचा
मुंबई । अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की रिश्वत देने और धोखाधड़ी करने के आरोप का मामला सुप्रीम कोर्ट के बाद अब मद्रास हाईकोर्ट भी पहुंच गया है। मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गृह मंत्रालय को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम, एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट या सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन से जांच कराने के निर्देश देने की मांग की गई है।
एडवोकेट और देसिया मक्कल शक्ति काची के प्रसिडेंट एमएल रवि ने हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की है। याचिका के माध्यम से उन्होंने कहा कि अडाणी को तमिलनाडु सहित कई भारतीय राज्यों के व्यवसायियों, बिजली वितरण कंपनियों और भारतीय संस्थाओं के साथ सोलर पावर सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की योजना में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। एडवोकेट ने तर्क दिया कि विदेशी देश ने भारत में हुए भ्रष्टाचार को उजागर किया है, उसके बाद अभी भी भारतीय जांच एजेंसियां चुप हैं। वह केवल दर्शकों की तरह काम कर रही हैं, जो पूरे देश और 140 करोड़ नागरिकों का अपमान है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार ने सरकारी संस्थान में जनता के विश्वास को खत्म कर दिया है और देश के विकास में बाधा उत्पन्न की है।
24 को सुप्रीम कोर्ट में दर्ज हुई थी याचिका
इससे पहले रविवार यानी 24 नवंबर को एडवोकेट विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके इस मामले की जांच की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने कहा था कि अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट के आदेश और यूनाइटेड स्टेट सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की शिकायत ने अडाणी ग्रुप की गड़बडिय़ों को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि आरोप इतने गंभीर हैं कि देश के हित में भारतीय एजेंसियों की ओर से भी इस मामले की जांच की जानी चाहिए। जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच की मांग के लिए भी एडवोकेट विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।