भोपाल । एम्स भोपाल ने बुधवार, 27 नवंबर 2024, को अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम में अपने तीसरे रिसर्च शोकेस इवेंट का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस आयोजन का नेतृत्व एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने किया। यह वार्षिक आयोजन पिछले एक साल में चिकित्सा अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में संस्थान की महत्वपूर्ण प्रगति को उजागर करता है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. (डॉ.) अतुल गोयल, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार और गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (लखनऊ) के पूर्व पीडियाट्रिक विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) रश्मि कुमार, ने भाग लिया।
इस अवसर पर प्रो. गोयल ने कहा कि एम्स भोपाल ने चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिससे स्वास्थ्य देखभाल में सुधार की बड़ी संभावनाएँ उत्पन्न हुई हैं। उन्होंने युवा शोधकर्ताओं को समाज के लाभ के लिए अनुसंधान करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में डॉ. रश्मि कुमार ने कहा कि एम्स भोपाल जैसे संस्थान देश में चिकित्सा अनुसंधान और शिक्षा में क्रांति ला रहे हैं।
एम्स भोपाल के अध्यक्ष डॉ. सुनील मलिक ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा, यह आयोजन एम्स भोपाल के लिए गर्व का क्षण है। यह हमारे शोधकर्ताओं के योगदान और नवाचार को प्रदर्शित करता है। प्रो. सिंह ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, आज का यह कार्यक्रम स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा शिक्षा में अनुसंधान की अहमियत को रेखांकित करता है। एम्स भोपाल हमेशा नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। यह आयोजन हमारी उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो चिकित्सा विज्ञान में ज्ञान और नवाचार के जरिए स्वास्थ्य देखभाल में बदलाव लाने पर केंद्रित है।
इस मौके पर, डीन (रिसर्च) प्रो. (डॉ.) रेहान-उल-हक ने कहा कि तीसरा रिसर्च शोकेस इवेंट एम्स भोपाल के चिकित्सा विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे प्रयासों को दिखता है। डीन (अकादमिक) प्रो. डॉ. रजनीश जोशी ने कहा, यहाँ के शोधकर्ता ज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ा रहे हैं और अपनी कड़ी मेहनत से चिकित्सा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
कार्यक्रम के दौरान एम्स भोपाल के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए शोधों पर प्रकाश डाला गया। डॉ. अशोक कुमार ने मध्य भारत के लोगों में ओरल स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा के प्रति प्रवृत्ति को समझने के लिए miRNA जेनेटिक वेरिएशन्स का अध्ययन कर रहे हैं, जो इस कैंसर से जुड़े आनुवांशिक जोखिमों पर बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है। वहीं, डॉ. सुखेस मुखर्जी मोरिंगा ओलिफेरा के जैव-सक्रिय यौगिकों की इन-सिलिको स्क्रीनिंग कर रहे हैं, जिसमें वे HIF-1α/VEGF/GLUT-1 मार्गों को लक्षित करने वाले संभावित अवरोधकों की पहचान कर रहे हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर थेरेपी में उपयोगी हो सकते हैं।
संक्रामक रोगों के क्षेत्र में, डॉ. देबासिस बिस्वास डेंगू बुखार की रोगजन्यता को संचालित करने वाली Th2-प्रधान प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की जांच कर रहे हैं, जिससे इसके प्रतिरक्षा तंत्र को गहराई से समझने में मदद मिल रही है। इसी क्रम में, डॉ. एसआरएएन भूषणम पडाला प्री-ऑपरेटिव अल्ट्रासाउंड का उपयोग करके जटिल वायुमार्ग की भविष्यवाणी के लिए एक संभावित प्रेक्षणीय अध्ययन कर रहे हैं, जो शल्य चिकित्सा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
डॉ. गुंजन चौकसे ने मैक्सिलरी ऑब्चूरेटर के साथ पुनर्वासित रोगियों के मौखिक स्वास्थ्य से संबंधित जीवन की गुणवत्ता का अध्ययन किया है, जिसमें कैंसर से संबंधित मैक्सिलेक्टॉमी और पोस्ट-कोविड-19 म्यूकोरमाइकोसिस वाले मरीजों के बीच परिणामों की तुलना की गई है। बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में, डॉ. गिरीश चंद्र भट्ट मोटापे से ग्रस्त बच्चों में घरेलू और एंबुलेटरी ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग की प्रभावशीलता का आकलन कर रहे हैं और इसके एंड-ऑर्गन डैमेज के साथ संबंध की जांच कर रहे हैं। उनका लक्ष्य उच्च रक्तचाप की प्रारंभिक पहचान और प्रबंधन को बेहतर बनाना है।
इस कार्यक्रम में, एम्स भोपाल के आधिकारिक पत्रिका फ्यूचर हेल्थ के साथ ही अन्य पुस्तकों का अनावरण किया गया। इसके साथ ही डाक विभाग द्वारा एम्स भोपाल के कौटिल्य भवन पर एक विशेष आवरण जारी किया गया जिसका विमोचन एमपी सर्कल के मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल श्री विनीत माथुर द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कारों का वितरण था, जिसमें फैकल्टी, शोधकर्ताओं और छात्रों के योगदान को सम्मानित किया गया। कुल 15 बेस्ट पेपर अवार्ड्स विभिन्न क्षेत्रों में प्रदान किए गए, जिनमें प्रीक्लिनिकल, पैराक्लिनिकल, मेडिकल, सर्जिकल और सुपर-स्पेशलिटी अनुसंधान शामिल हैं। इन पुरस्कारों में डॉ. अशोक कुमार और डॉ. सुखेस मुखर्जी (प्रीक्लिनिकल), डॉ. देबासिस बिस्वास और डॉ. आयुष गुप्ता (पाराक्लिनिकल), डॉ. एस आर ए एन भूषणम और डॉ. साकेत दास (मेडिकल), डॉ. गुंजन चौकसे और डॉ. प्रतीक बेहरा (सर्जिकल), डॉ. गिरिश चंद्र भट्ट और डॉ. महेंद्र अटलानी (मेडिकल-सुपर स्पेशलिटी), डॉ. कुमार माधवन (सर्जिकल-सुपर स्पेशलिटी), डॉ. आशिष कुमार दीक्षित (आयुष), डॉ. नसीमा शफकत (नर्सिंग), डॉ. अभिनव सिंह और डॉ. नेहा आर्य (सिस्टमेटिक रिव्यू, मेटा एनालिसिस और नैरेटिव रिव्यू) को सम्मानित किया गया।
इसके अतिरिक्त, इंट्रामुरल श्रेणी में सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और आयुष श्रेणियों में डॉ. आयुष गुप्ता और एमबीबीएस/बी.एससी नर्सिंग श्रेणी में मिस श्रुतांगी वैद्य को बेस्ट पेपर अवार्ड प्राप्त हुआ। एमडी/एमएस, डीएम/एमसीएच और एमएससी नर्सिंग में बेस्ट थेसिस अवार्ड क्रमशः डॉ. स्मृति भास्कर, डॉ. किर्ती कादियान और मिस. रेंजिता रवि को प्रदान किया गया। बेस्ट पेपर अवार्ड में डॉ. हिमाद्री सिंह को भी एक पुरस्कार प्रदान किया गया। बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) के तहत प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए, जिसमें पेटेंट ग्रांट के लिए डॉ. अंशुल राय और कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन के लिए डॉ. अभिनव सिंह, डॉ. बाबू लाल, डॉ. लिली पोद्दर और डॉ. अंशुल राय को सम्मानित किया गया।
इसके अलावा, ‘सर्टिफिकेट ऑफ़ अप्रीशीएशन’ के तहत निष्ठा बंसल, सौम्या शुक्ला, अप्षा अंजुम खान, खुशी मेघानी, शिवांग सक्सेना, अनुराग सिंह तोमर, विनीत लोकहरे, जितेश पाटिल, अनन्यन संपथ और डॉ. काविता आर. वी. को सम्मानित किया गया। पीजी थीसिस ग्रांट (ICMR) के तहत डॉ. रिया रोज जोजो, डॉ. ज्योति राउत, डॉ. अग्निशिखा चौधरी, डॉ. कर्मुगिल टी. और डॉ. सुपर्णा मिश्रा को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।