वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने जैसी चुनौतियों से होना होगा दो-चार
मुंबई । रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने 11 दिसंबर बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर के तौर पर कार्यभार संभाल लिया है। मल्होत्रा आगामी तीन वर्षों तक इस पद पर रहेंगे। आरबीआई के गवर्नर के तौर पर उनकी नियुक्ति भारतीय बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसके साथ ही महंगाई पर काबू पाना उनके लिए चुनौती का काम करेगी।
गौरतलब है कि संजय मल्होत्रा ने गवर्नर शक्तिकांत दास की जगह ली है। केंद्र सरकार ने शक्तिकांत दास का कार्यकाल को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला लिया, जिसके बाद यह नियुक्ति की गई है। बताते चलें कि शक्तिकांत दास ने 2018 में आरबीआई गवर्नर का पद संभाला था। उनके सेवा पूर्ण करने के साथ ही केंद्रीय कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमिटी ने संजय मल्होत्रा को आरबीआई का 26वां गवर्नर बनाने के फैसले को हरी झंडी दे दी।
इसी के साथ ही मल्होत्रा, दुव्वुरी सुब्बाराव के बाद पहले आरबीआई गवर्नर होंगे, जो सीधे नॉर्थ ब्लॉक (भारत के वित्त मंत्रालय के ऑफिस) से आए हैं। फाइनेंस, टैक्सेशन और आईटी में एक्सपर्ट माने जाने वाले मल्होत्रा हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सचिव के रुप में भी कार्य कर चुके हैं। इसी के साथ मल्होत्रा का यह कार्यकाल कई चुनौतियों के बीच शुरू हो रहा है, जिनमें आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, महंगाई को काबू में रखना और एक्सचेंज रेट को स्थिर रखना जैसी चुनौतियां शामिल हैं।