भारतीयों की ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल कनाडा के कॉलेज, ईडी की जांच में खुलासा

पूरे भारत में करीब 3,500 एजेंट रैकेट में शामिल
नई दिल्ली । भारत की केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शक है कि कनाडा के रास्ते अमेरिका में भारतीयों की ह्यूमन ट्रैफिकिंग हो रही है। ईडी ने मामले में कनाडा के 260 कॉलेज की भी संदिग्ध भूमिका पाई है। ईडी ने बताया कि एक इंटरनेशनल सिंडिकेट द्वारा वारदात को अंजाम दिया जा रहा है।
दरअसल, साल 2022 में एक गुजराती परिवार की अवैध तरीके से कनाडा के रास्ते अमेरिका में घुसते वक्त मौत हुर्इ थी। बॉर्डर पार करवाने वाले तस्करों ने इन्हें माइनस 37 डिग्री सेल्सियस के बर्फीले तूफान के बीच छोड़ दिया था।
अहमदाबाद पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की थी। एफआईआर में भवेश अशोकभाई पटेल और कुछ अन्य लोगों को प्रिवेंटिव मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत आरोपी बनाया था। ईडी के अहमदाबाद रीजनल ऑफिस ने मामले को लेकर 10 और 19 दिसंबर को मुंबई, नागपुर, गांधीनगर और वडोदरा में 8 जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाया। वहीं ईडी की जांच में सामने आया है कि ये तस्कर पहले कनाडा के कॉलेजों में एडमिशन दिलाने के लिए आवेदन करते हैं। इसके बाद जब कोई इंसान कनाडा पहुंच जाता है, तब उस इंसान को अवैध तरीके से बॉर्डर पार करवा कर अमेरिका पहुंचा देते हैं।
ईडी ने बताया कि ये आरोपी इस सारे काम के लिए प्रति व्यक्ति 55 से 60 लाख रुपए तक वसूलते हैं। तलाशी के दौरान सामने आया कि मुंबई और नागपुर में दो एजेंटों हर साल करीब 35,000 लोगों को अवैध तरीके से विदेश भेजते हैं। सिर्फ गुजरात में 1700 और पूरे भारत में करीब 3,500 एजेंट रैकेट में शामिल थे। इन पर एक्शन के बाद अभी भी 800 से ज्यादा एजेंट काम में लगे हुए हैं। कनाडा के करीब 260 कॉलेज भी रैकेट में हिस्सेदार हैं।