बीजिंग। कई बार प्रमाणित हो चुका है कि चीन झूठ बोलने में माहिर है। कोरोनाकाल में तमाम सबूत होने के बाद भी वो झूठ बोलता रहा। इस बार भी चीन में कोरोना वायरस जैसी बीमारी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) तेजी से फैल रही है। वहां के अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। यहां तक श्मशानों में भी शवों की दफनाने के लिए लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं, लेकिन चीन इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है।
उसने सोशल मीडिया पर प्रसारित इस तरह के वीडियो को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि जैसा दिखाया जा रहा है, वैसा कुछ भी नहीं। बीजिंग ने तो यहां तक कह दिया कि विदेशी टूरिस्टों के लिए चीन पूरी तरह से सुरक्षित है। चीन का यह बयान ठीक वैसा ही है, जैसा कि उसने पांच साल पहले कोरोना के समय दिया था। उसने कभी नहीं माना कि कोविड-19 वायरस उनके देश से फैला। चीन ने शुक्रवार को देश में बड़े पैमाने पर फ्लू के प्रकोप की खबरों को कमतर बताया, यह कहते हुए कि इस साल सर्दियों में होने वाली सांस संबंधी बीमारियों के मामले पिछले साल की तुलना में कम गंभीर हैं। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेशियों के लिए चीन की यात्रा करना बिल्कुल सुरक्षित है।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने मीडिया को चीन में इन्फ्लूएंजा ए और अन्य श्वसन बीमारियों के प्रसार पर एक सवाल के जवाब में बताया, उत्तर गोलार्ध में सर्दियों के मौसम के दौरान श्वसन संक्रमण का प्रकोप बढ़ जाता है। उन्होंने कहा, बीमारियां पिछले साल की तुलना में कम गंभीर और छोटे पैमाने पर फैलती दिख रही हैं। उन्होंने कहा, “मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि चीनी सरकार चीनी नागरिकों और चीन में रहने वाले विदेशियों के स्वास्थ्य की परवाह करती है। चीन में यात्रा करना सुरक्षित है।” चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने यह भी बताया कि चीन की राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और रोकथाम प्रशासन ने सर्दियों में श्वसन रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पिछले कुछ दिनों से चीन में बड़े पैमाने पर फ्लू के प्रकोप की खबरें विदेशों में, खासकर भारत और इंडोनेशिया में, फैल रही हैं। हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यह प्रकोप हर साल सर्दियों के दौरान होता है।
वीरेंद्र/ईएमएस/04जनवरी2025