:: लक्ष्मीदेवी झालानी स्मृति अंतर महाविद्यालयीन वाद-विवाद प्रतियोगिता में होलकर विज्ञान महाविद्यालय विजेता ::
इन्दौर । वाद-विवाद प्रतियोगिता में जब कोई विषय मंच पर आता है तो उसके पक्ष और विपक्ष में बोलने का अवसर मिलता है,मंच पर खड़े होकर बोलने से विद्यार्थी के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है,उक्त विचार आरपीएल माहेश्वरी कॉलेज में आयोजित स्व. श्रीमती लक्ष्मीदेवी मोहनलाल झालानी स्मृति अंतर्महाविद्यालयीन वाद-विवाद प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि कवि डॉ. राजीव शर्मा ने व्यक्त किए।
उन्होने कहा कि स्वामी विवेकानंद दुनिया के सर्वश्रेष्ठ डिबेटर थे जिन्होंने अपनी वाणी और तर्कों से दुनिया के सभी देशों के बड़े बड़े विद्वानों को चुप करा दिया था और हमारे देश का मस्तक गर्व से ऊंचा कर दिया।कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित संस्था सानंद न्यास के अध्यक्ष जयंत भिसे ने संबोधित करते हुए कहा कि यह विधा बोलने में निपुण बनाती है जिससे लोग आपकी बात सुनने के लिए मजबूर हो जाते हैं। श्रीमती माला ठाकुर ने कहा कि वाद विवाद प्रतियोगिता व्यक्तित्व विकास की पाठशाला है। वहीं सुमित मिश्रा ने कहा कि आज की प्रतियोगिता का विषय समाज की नैतिकता के प्रति दृष्टिकोण पर चिंतन है। मुरलीधर धामानी ने भी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं प्रेषित की। प्रतियोगिता के प्रारंभ में स्वागत भाषण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजीव कुमार झालानी ने दिया,उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास के लिए ऐसा मंच जरूरी है जहां विचारों का खुलकर मंथन हो इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए महाविद्यालय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए.आई.) का बढ़ता प्रचलन समाज के नैतिक पतन का एकमात्र कारण है। विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है।
महाविद्यालय में वार्षिकोत्सव कार्यक्रमके अन्तर्गत होने वाली स्व. श्रीमती लक्ष्मीदेवी मोहनलाल झालानी स्मृति अंतर्महाविद्यालयीन वाद-विवाद प्रतियोगिता में 26 महाविद्यालयों के 52 प्रतिभागियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्ल ने की। विषय के पक्ष में प्रथमआने वाले आरपीएल माहेश्वरी कॉलेज के प्रतिभागी लवकुश यादव ने कहा कि ए आई ने मनुष्य को आलसी बना दिया है और युवा पीढ़ी एआई का शिकार होकर बर्बादी की ओर अग्रसर हैं, जो खाली दिमाग शैतान का घर की कहावत को चरितार्थ करते हुए बचे हुए समय को अश्लीलता में व्यतीत कर रहे हैं जो नैतिक पतन का एकमात्र कारण है।
पक्ष में द्वितीय स्थान प्राप्त शासकीय होल्कर विज्ञान महाविद्यालय के छात्र भूपेंद्र यादव ने कहा कि एआई ने लोगों की सोच को भटका दिया है और एआई ने इंसान के हाथ में वो हथियार दिया है जो समाज को पतन की ओर अग्रसर कर रही है। विषय के विपक्ष में जोरदार तर्क प्रस्तुत करते हुए प्रथमस्थान प्राप्त होल्कर विज्ञान महाविद्यालय की छात्रा प्रतिभा दुबे ने कहा कि समाज में हो रहे महिलाओं पर अत्याचार के लिए एआई नहीं वरन पुरुष की सोच जिम्मेदार है। दहेज प्रथा, पारिवारिक कलह, नवजात शिशु को कचरे के डिब्बे में फेंकना य़ह सब एआई नहीं सिखाता बल्कि समाज के नैतिक पतन के लिए हमारे बदलते मूल्य जिम्मेदार हैं। विपक्ष में द्वितीय स्थान प्राप्त वैष्णव कॉमर्स कॉलेज की छात्रा संस्कृति शर्मा ने विषय के विरोध में पुरजोर तर्क रखते हुए कहा कि एआई तो प्रगति का द्योतक है। अपनी गंदी सोच को छुपाने के लिए एआई को दोषी ठहराना उचित नहीं है। एआई विकास के लिए सर्वश्रेष्ठ संसाधन है। हथियार राम के हाथ में हो तो सृजन करेगा और रावण के हाथ में हो तो विनाश करेगा। इसलिए दोष हथियार का नहीं वरन चलाने वाले की सोच का है। प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली इस बहु प्रतीक्षित प्रतियोगिता में मुरलीधर धामानी, माला ठाकुर, सुमित मिश्रा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित हुए। प्रोत्साहन पुरस्कार हेतु वक्ता के रूप में शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय के रुकमणीकांत को चयनित किया गया। पक्ष एवं विपक्ष की टीम के प्राप्त सर्वाधिक अंकों के आधार पर प्रतियोगिता की चलित मंजूषा – शासकीय होल्कर विज्ञान महाविद्यालय को प्रदान की गई। निर्णायक की महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन प्रमोद श्रीवास, शिल्पा ग्रोवर एवं कंपनी सेक्रेट्री निखिल जैन ने किया।
प्रारंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर प्रतियोगिता के उद्घाटन सत्र का शुभारंभ किया,अतिथियों का स्वागत प्राचार्य डॉ. राजीव कुमार झालानी, डॉ.संजीव जटाले,डॉ.अंजना गोरानी, डॉ.मनीष जैन, प्रो.तरुण लाभांते, डॉ. चेतन जोशी व डॉ. विकास जोशी ने किया। संचालन डॉ. राजश्री नरवणे ने किया।