जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह की अध्यक्षता में धरती आबा – जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान एवं विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न ::

इन्दौर । जनजातीय कार्य, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय शाह की अध्यक्षता में आज रेसीडेंसी कोठी इन्दौर में धरती आबा – जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA) एवं विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। इस मौके पर प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य गुलशन बामरा, आयुक्त जनजातिय विकास श्रीमन शुक्ल, कलेक्टर एवं प्रभारी संभागायुक्त इन्दौर आशीष सिंह, उपायुक्त सपना लोवंशी सहित सभी विभागों के संभागीय अधिकारी विशेष रूप से मौजूद थे। बैठक में जनजातीय कार्य मंत्री शाह ने कहा कि हमें अनुसूचित जनजाति वर्ग के कल्याण के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं जैसे कि सड़क, पानी, बिजली, पक्के मकान, आंगनवाड़ी, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल आदि के साथ ही जनजाति समाज की संस्कृति, संस्कार, रीति-रिवाज, परम्परा, रहन-सहन, बोली, वेशभूषा, उपासना स्थल आदि का संरक्षण भी करना है ताकि यह समाज अपनी विरासत पर गर्व करते हुए बेहतर तरीके से अपना जीवन यापन कर सकें।बैठक में मंत्री शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 2 अक्टूबर 2024 को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना की शुरूआत की थी। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा धरती आबा 150वीं जयंती वर्ष समारोह का शुभारंभ गत वर्ष 15 नवम्बर को किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी की मंशा है कि हमारा जनजाति समाज मुख्य धारा में रहे। इसी को दृष्टिगत रखते हुए मध्यप्रदेश में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कृष्ट अभियान को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश में बड़ी संख्या में जनजाति समाज है। मंत्री शाह ने कहा कि इस अभियान के तहत प्रदेश के चिन्हित 11 हजार 377 जनजातीय ग्रामों में शासन की 16 विभागों की चिन्हित 25 हितग्राही मूलक, व्यक्तिगत अधोसंरचना एवं सामुदायिक अधोसंरचना संबंधी योजनाओं के शत प्रतिशत सेचुरेशन का लक्ष्य है। जिस गाँव की आबादी 500 है, वहाँ 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जनजाति की संख्या है तो ऐसे गांवों को जनजाति वर्ग में रखा गया। मंत्री शाह ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हमें अजा-अजजा, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के जीवन स्तर को ऊँचा उठाना के लिये हर संभव कार्य करना है। उन्हें बेहतर रोजगार मिले, खेती के लिए अच्छा बीज मिले और जनजाति समाज को अच्छी आमदनी हो। एक हेक्टेयर कृषि भूमि में जनजातीय समाज ऐसी फसलों का उत्पादन करें जिससे उसे वर्ष में अनुमानित चार लाख रुपये की आमदनी हो। कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य शासन जनजातीय समाज को सिंचाई के लिए पानी एवं अन्य संसाधन देने के लिए प्रतिबद्ध है। अच्छे उत्पादन के लिए 5 वर्ष में बीजों में बदलाव हो, इसके लिए जिले में कम-से-कम एक बीज बैंक हो। अच्छी फसल के लिए मिट्ट्री का पलवा भी जरूरी है इसके लिए किसानों की मदद के लिए शासन तत्पर है।
बैठक में मंत्री शाह ने आगे कहा कि राज्य शासन इस बात के लिए सतत प्रयासरत है कि जनजातीय वर्ग के प्रत्येक पात्र परिवार को एक वर्ष के भीतर प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से पक्के मकान मिले। सभी को बिजली कनेक्शन मिले। जनजातीय समाज में सभी सदस्यों के आयुष्मान कार्ड बने, ताकि वे अपना 5 लाख रुपये तक का इलाज सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क करा सके। सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि इलाज के अभाव में किसी भी गरीब, पिछड़ा या कमजोर वर्ग के व्यक्ति की मृत्यु नहीं हो। ट्राईबल क्षेत्रों में आयुर्वेदिक अस्पताल भी होना चाहिए। बैठक में मंत्री शाह ने कहा कि जनजाति वर्ग में बढ़ रही सिकल सेल बीमारी के उन्मूलन के लिए राज्य सरकार और विशेषकर राज्यपाल मंगु भाई पटेल सजग हैं। अत: इस बीमारी के निदान के लिए उन्होंने भोपाल और जबलपुर शहर को चुना है और इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च कर केन्द्र भी बनाये हैं। इस केन्द्र के माध्यम से जनजातीय वर्ग के सिकल सेल बीमारी से ग्रसित व्यक्ति का इलाज किया जाएगा। इसके लिए एक अत्याधुनिक मोबाइल वेन की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वह जनजाति क्षेत्र में सिकल सेल से पीड़ित रोगियों को इलाज के लिये इन्दौर लाने ले जाने की व्यवस्था कर सकें। सिकल सेल बीमारी के उन्मूलन के लिये केन्द्र और राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। यह एक ऐसी खतरनाक और अनुवांशिक बीमारी है, जिसमें रेड सेल बनते है और जिनका आकार हंसिये की तरह होता है और इसके मरीज विशेषकर ट्रायबल क्षेत्र में होते है।
शाह ने कहा कि ट्रायबल क्षेत्र में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। हजारों परिवार चिन्हित भी कर लिये गये है, अब इन हितग्राहियों को बकरियों की खरीदी के लिये राशि दी जायेगी। जिन गौ-शालाओं में सुधार की आवश्यकता है, वहां सुधार के कार्य किये जाएंगे। मछली पालन उद्योग को बढ़ावा देने के लिये भी सरकार प्रतिबद्ध है। गांव में सामुदायिक तालाब बनाये जायेंगे और जनजातीय समाज को ऋण उपलब्ध कराया जायेगा। शाह ने कहा कि इन्दौर संभाग में महेश्वर, ओंकारेश्वर, माण्डू, चारखेड़ा, बाग, मंडलेश्वर आदि ऐसे दर्शनीय एवं पर्यटन स्थल है जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। ऐसे स्थान पर जनजातीय समाज के लिये होम स्टे बनना चाहिये। इसके लिये योजना बनाई जा रही है।
जनजातीय समाज के लिये बेहतर स्कूल, कॉलेज के साथ ही अच्छे छात्रावास भी होना चाहिये और वहां सभी सुविधाएं होना चाहिये। स्कूलों में एक पोषण वाटिका भी होना चाहिये ताकि वहां जैविक खेती के साथ आयुर्वेदिक हर्बल फसलों का उत्पादन हो सकें। छात्रावासों की साफ-सफाई होना चाहिये। प्रधानमंत्री जी की मंशानुसार सौर ऊर्जा को अधिक से अधिक बढ़ावा देना है, ताकि कार्बन उत्सर्जन कम से कम हो। जनजाति क्षेत्रों में होने वाली शासकीय नियुक्तियों में 50 प्रतिशत से अधिक स्थान जनजातीय वर्ग के लिये सुनिश्चित करें, क्योंकि उन्हें जनजाति समाज की बोली, भाषा, रहन-सहन आदि का ज्ञान होता है। ट्राईबल क्षेत्र में एफएम रेडियों बैंड होना चाहिए जो वहाँ की स्थानीय बोली में अपने कार्यक्रम बनाता है।
बैठक में प्रमुख सचिव गुलशन बामरा ने कहा कि जनजातीय समाज को मुख्यधारा में बनाये रखना हम सबका दायित्व है, अत: इस पर विशेष ध्‍यान दिया जाये। आयुक्त जनजातिय विकास श्रीमन शुक्ल ने सभी विभागों को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य सरकार की जितनी भी कल्याणकारी योजनाएं हैं, उनका उचित ढंग से जनजातीय समाज में क्रियान्वयन किया जाये। क्वालिटी कंस्‍ट्रक्शन पर विशेष ध्यान दें। जनजातीय समाज के स्कूल और कॉलेजों में अवांछित तत्वों का प्रवेश नहीं हो, इस बात का विशेष ध्यान रखें। छात्रावास के विद्यार्थियों को गुणवत्ता युक्त अच्छा पोषण आहार मिले इस बात का पूरा ध्यान रखें। बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय कर कार्य करें।
बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, ऊर्जा विभाग, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, शिक्षा विभाग, आयुष विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विभाग, मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी, पर्यटन जनजातीय कार्य सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।