औकाफ़- ए-शाही के दस्तावेजो का पहली बार हो रहा डिजिटलाइजेशन
भोपाल। औकाफ-ए-शाही, भोपाल, बीते सालो से भोपाल से जाने वाले हाजियो को हज के दौरान मक्का मुअज्जमा और मदीना मुनव्वरा में निःशुल्क आवास की सुविधा प्रदान कर रही है। यह बात वरिष्ठ सदस्य, एडवाइजरी कम एग्जीक्यूटिव कमिटी, औक़ाफ़-ए-शाही, भोपाल सिकंदर हफीज खान द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से व्यक्त किये गए है। इसमें सिकंदर हफीज ने बताया की मदीना मुनव्वरा में चल रहे अदालती मामले की वकील द्वारा की गई कानूनी समीक्षा के अनुसार, सबा मुल्तान ने सऊदी अरब की अदालत में, मादीना मुनव्वरा में औकाफ भोपाल के लिए वक्फनामा के अनुसार नाजिर की नियुक्ति अथवा स्वयं को नाजिर बहाल करने का अनुरोध किया था। इस मुकदमे की कार्यवाही के दौरान, भोपाल और दूसरी जगहों के 20 से अधिक व्यक्तियों ने अपने वकील के माध्यम से आपत्ति दर्ज कराते हुए स्वयं को औकाफ भोपाल, मदीना मुनव्वरा का वैध और उचित उत्तराधिकारी बताया तथा नाजिर की नियुक्ति का दावा किया। इससे अदालत में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई और सऊदी अरब की न्यायालय ने रुबातो का प्रबंधन और पर्यवेक्षण अस्थायी रूप से हया-तुल-औकाफ को सौंप दिया, जब तक कि मुस्तवल्लिशिप की पुष्टि करने वाले कानूनी दस्तावेज अदालत में प्रस्तुत नहीं किए जाते। उन्होंने आगे कहा कि औकाफ ए शाही की मुतवल्ली सबा सुल्तान के नेतृत्व में औकाफ़-ए-शाही की वर्तमान समिति ने कार्यभार ग्रहण करने के दिन से ही मदीना मुनव्वरा में हाजियों के ठहरने की सुविधा को पुर्नस्थापित करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। इसके लिये कई महत्वपूर्ण दस्तावेज तैयार किए गए, इनका बेरिफिकेशन करवाया और और समिति इन दस्तावेजों को उचित कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से हया तुल औकाफ के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास कर रही है, ताकि वक्फ के वसीयतकर्ता की इच्छा के अनुसार भोपाल के हज यात्रियों के लिए आवास की सुविधा बहाल की जा सके। और मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने भी इसके अंतर्गत जेद्दाह मैं स्थित इंडियन कांसुलेट, विदेश मंत्रालय एवं सीएम को पत्र लिखे हैं, और सरकारी माध्यम से हाजियों के लिए इस सुविधा की पुर्नस्थापना में सहायता कर रहे हैं। सिकंदर हाफिज ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह भी बताया की मुतवल्ली सबा सुल्तान के नेतृत्व में औकाफ-ए-शाही की वर्तमान समिति ने स्थानीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण सुधार कार्य किए हैं। समिति ने औकाफ-ए-शाही की लेखा पुस्तकों का पारदर्शिता, दक्षता और कानूनी एवं नियामक आवश्यकताओं के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए ऑडिट करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को नियुक्त किया है। इतिहास में पहली बार औकाफ़- ए-शाही के सभी अभिलेखों एवं लेखा जोखा के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई। मेंबर्स ने जोर दे कर बताया कि पिछले समय की अपेक्षा किराये में 84 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई।