भ्रूण हत्या भारत की संस्कृति के माथे पर सबसे बड़ा कलंक – मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज

भोपाल । हमारी संस्कृति और संस्कार जीवन देना सिखाते है, भ्रूण हत्या हमारी संस्कृति के माथे पर सबसे बड़ा कलंक है। भ्रूण हत्या की सूतक जन्म जन्मांतर होती है। यह उद्गार मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज ने टी टी नगर पंच कल्याणक में गर्भ कल्याणक के दिन बोलते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में अहिंसा और जीव दया कूट-कूट के भरी हुई है। जब छोटे-छोटे जीव जंतु की रक्षा अहिंसा के रूप में हम करते हैं, तो घर में पल रहे जीव की हत्या से बड़ा पाप तो कोई भी नहीं है। टी टी नगर। पंचकल्याणक महोत्सव में हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में सुबह से ही धार्मिक अनुष्ठान अभय भैया, अशोक भैया, सुमत भैया के निर्देशन में हुए। मीडिया प्रभारी सुनील जैनाविन ने बताया कि धर्म सभा में मंत्री विश्वाश सारंग, विधायक भगवानदास सबनानी, महापौर मालती राय, पूर्व मंत्री पी सी शर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने मुनि संघ से आशीर्वाद लिया। पंचकल्याणक के चलते संपूर्ण अयोध्या नगरी केसरीया रंग में रंगी हुई है। विशेष पूजा अर्चना अनुष्ठान के साथ आज मंच से ऋषभ राजेश्वरी माता मरु देवी की गोद भराई की रस्म की गई। अनुष्ठान के मुख्य पात्र राजेश सारिका सो धर्मेंद्र इंद्राणी, अमर माया कुबेर, सुनील रंजना महायज्ञ नायक सहित अनेक पात्रों ने अनुष्ठान में सहभागिता की। सायं कालीन महा आरती के साथ, मंच से नाभिराय का दरबार सजाया। अष्ट कुमारियां द्वारा माता की सेवा भक्ति के साथ हुई। इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज बांगा, गुणायतन परिवार के अनुभव सराफ, सुरेंद्र जैन, दिनेश सोगानी, निशंक जैन, अर्पित जैन सहित अनेक लोग मौजूद थे। प्रवक्ता सुनील जैनाविन ने बताया कि सोमवार को बालक आदि कुमार के जन्म के साथ जन्म की खुशियां मनाई जाएंगी। जन्माभिषेक शोभा यात्रा निकलेगी।