नई दिल्ली । नासा की नई ड्रिलिंग मशीन चांद पर एक नए युग की शुरुआत कर रही है। इस मशीन ने देखते ही देखते चंद्रमा की सतह में गहरा छेद कर दिया। नासा का यह अत्याधुनिक उपकरण है। इसे लैंडर के जरिए चांद पर भेजा गया है। अभी तक इंसानों ने चंद्रमा की सतह का केवल 5 प्रतिशत हिस्सा ही एक्सप्लोर किया है। मिशन के तहत नासा इसे और आगे ले जाने की तैयारी कर रहा है। चंद्रमा को बेहतर तरीके से समझना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह भविष्य में मंगल और अन्य ग्रहों पर जाने की नींव रखेगा। लिस्टर का मकसद चांद के अंदरूनी तापमान को मापना है। इस मशीन में एक खास तरह की ड्रिल लगी हुई है, जो तीन मीटर तक खुदाई कर सकती है। हर आधे मीटर की गहराई पर यह सिस्टम रुककर एक खास थर्मल प्रोब को चंद्रमा की मिट्टी में डालता है। इससे यह दो तरह की जानकारी जुटाएगा– थर्मल ग्रेडिएंट (गहराई के साथ तापमान में बदलाव) और थर्मल कंडक्टिविटी (मिट्टी में तापमान के संचार की क्षमता)। इस प्रोजेक्ट का मकसद चंद्रमा के तापमान और उसकी सतह की बेहतर समझ बनाना है, ताकि भविष्य में इंसानी बस्तियां बसाने की योजना बनाई जा सके। यह ड्रिलिंग मशीन सिर्फ चांद तक ही सीमित नहीं रहेगी। अगर यह सफल रहा, तो भविष्य में मंगल और अन्य ग्रहों की सतह पर भी इसी तरह की खुदाई की जाएगी।