:: बड़ा गणपति से निकली सांई बाबा की पालकी यात्रा में झांकियां और बाबा का स्वरूप रहा विशेष आकर्षण का केंद्र ::
:: सांई भक्तों ने राम जन्मोत्सव की खुशियां भी मनाई ::
इन्दौर । सांई बाबा शिर्डी के शहंशाह… सांई बाबा बोलो…मेरे सर पे सदा तेरा हाथ रहे..तेरे कर्म पर मैं कुर्बान ओ शिर्डी वाले… सांई ने मुझको आकर नाम दिया… यह भजनों के वो मुखौड़े हैं जो रविवार को बड़ागणपति क्षेत्र से निकली सांई-राम पालकी यात्रा में गूंजते रहे। मौका था केंद्रीय सांई सेवा समिति धार्मिक एवं मानव सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में 26 दिवसीय महोत्सव के समापन अवसर पर निकलने वाली सांई-राम पालकी यात्रा का।
केंद्रीय सांई सेवा समिति धार्मिक एवं मानव सेवा ट्रस्ट अध्यक्ष गौतम सुरेंद्र पाठक एवं विनीता पाठक ने बताया कि बड़ागणपति से निकली सांई बाबा की भव्य पालकी यात्रा की शुरूआत सांधु-संतों के सान्निध्य में सांई भक्तों ने महआरती कर की। महाआरती के साक्षी सांई भक्तों के अलावा शहर की चारों दिशाओं से आए श्रद्धालु व भक्त भी बने। बड़ागणपति क्षेत्र से निकली इस भव्य पालकी यात्रा में हजारों की संख्या में भक्त शामिल हुए थे। अलसुबह सुबह निकली सांई-राम पालकी यात्रा लाव-लश्कर के साथ निकाली गई। यात्रा में सांई भक्तों ने सामाजिक सरोकार का संदेश भी दिया। यात्रा के मार्ग में झांकियां विशेष आकर्षण का केंद्र रही। पहली झांकी में राम-दरबार के दर्शन हुए तो वहीं दूसरी झांकी में हनुमान भगवान श्रीराम की भक्ति में लीन नजर आए। शोभायात्रा में शिर्डी संस्थान से आई सांई बाबा की 8 फीट की चादर के दर्शन-पूजन भी भक्त करते नजर आए। यात्रा में सांई बाबा का भव्य स्वरूप के साथ ही अग्र भाग में बैंड़-बाजे, घोड़े बग्घी, ढ़ोल-ताशे के साथ ही व्यायाम शाला के कलाकार शस्त्र कला का प्रदर्शन करते हुए चल रहे थे। यात्रा में 21 छत्र, बाबा की धुनी गाड़ी, डीजे, भजन मंडलियों के साथ ही भजन गायक कपिल कुमावत ने बाबा के भजनों की प्रस्तुति से संपूर्ण क्षेत्र को सांईमय बना दिया था। सांई बाबा की पालकी के आगे युवा अपने हाथों में झाड़ू थामेंते एवं मार्ग में स्वच्छता का संदेश देते हुए चल रहे थे। सांई भक्तों व रहवासियों को इन्दौर शहर को स्वच्छता में 8 वीं बार फिर से नंबर वन आने एवं खिताब जीतने के लिए सहयोग करने की अपील की गई। शोभायात्रा में जेठालाल की वेशभूषा में शामिल कलाकार ने भी रंग जमाया, जेठालाल सभी सांई भक्तों व युवाओं के साथ डांडिया खेलते नजर आए। यात्रा में महाराष्ट्र, नासिक व इन्दौर के साधु-संतों का सान्निध्य भी प्राप्त हुआ। शोभायात्रा के मार्ग में अनेक सामाजिक व व्यापारिक संगठनों द्वारा मंच से पुष्पवर्षा भी की गई। राम नवमी पर्व पर सुबह बड़ागणपति मंदिर से निकली शोभायात्रा टोरी कार्नर, मल्हारगंज, गोराकुंड चौराहा, सीतलामाता बाजार, नृसिंह बाजार, सिलावटपुरा होते हुए छत्रीबाग स्थित सांई मंदिर पहुंची, जहां इस यात्रा का समापन हुआ। समापन के पश्चात छत्रीबाग स्थित राजपूत बगीची में विशाल भंडारे का आयोजन हुआ जिसमें हजारों सांई भक्तों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की। रामनवमी पर्व पर निकली सांई-राम पालकी यात्रा का यह 31 वां वर्ष था। यात्रा में रवि वर्मा, किशोर दौरकर, प्रदीप यादव, राहुल भंडारी, आलोक खादीवाला, समीर जोशी, बल्लू राठौर, नीरज यादव, पिंटू यादव, भूरू यादव, ज्ञानेश्वर होलकर, लक्की वर्मा, मोहन पालीवाल, पूरब कपूर, रंजीत यादव, निक्की चौधरी, तरुण केतले, लतिका चंद्रात्रे हजारों सांई भक्त मौजूद थे।
:: सांई बाबा का स्वरूप रहा चर्चा का विषय ::
अध्यक्ष गौतम सुरेंद्र पाठक ने बताया कि बड़ा गणपति से निकली सांई बाबा की भव्य पालकी यात्रा में जहां भजन गायक बाबा के सुमधुर भजनों की प्रस्तुति देते हुए चल रहे थे तो वहीं मातृशक्तियां एवं युवतियां भी भजनों की धुन पर नाचते हुए चल रही थी। सांई बाबा की पालकी यात्रा में बाबा की पालकी को आकर्षक किस्मों के फूलों से सजाया गया था। जो पूरे यात्रा के मार्ग में आने जाने वाले राहगीरों एवं भक्तों के बीच में चर्चा का विषय बना रहा।