मौसम की मार से राज्य के ईंट निर्माताओं को करोड़ों की आर्थिक क्षति पहुंची –

:: ईंट निर्माण ठप होने से निर्माण कार्यों की रफ्तार हुई प्रभावित ::
:: ईंट भट्टा संचालकों ने मंत्री विजयवर्गीय को सौंपा ज्ञापन ::

इन्दौर । मौसम की मार से राज्य के ईंट निर्माताओं को करोड़ों की आर्थिक क्षति पहुंची है। शहर के 600 से अधिक ईंट भट्टों पर पकने के लिए रखी गई मिट्टी की ईंटें मलबे में बदल गई है, जिससे निर्माण कार्यों की रफ्तार भी धीमी पड़ गई है। ईंट भट्टा संचालक पहले ही कर्ज से लदे हुए हैं। अब प्राकृतिक आपदा के कारण शहर के विकास कार्यों पर भी असर पड़ रहा है, वहीं ईंट भट्टा संचालकों में भी फिर से उठ खड़े होने की ताकत नहीं बची है। राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस स्थिति में ईंट भट्टा संचालकों को आश्वस्त किया है कि पीड़ित भट्टा संचालकों को शासन एवं प्रशासन से हर संभव सहायता दिलाई जाएगी।
म.प्र. ब्रिक्स मेन्यू. एसो. के अध्यक्ष रमेश प्रजापति, संरक्षक मांगीलाल रेडवाल एवं रमेश चंद्र कश्यप के नेतृत्व में एक शिष्ट मंडल ने विजयवर्गीय से भेंट कर उन्हें कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा और हाल ही अतिवृष्टि से हुई तबाही का पूरा ब्यौरा दिया। विजयवर्गीय को बताया गया कि हर सीजन में भट्टा संचालक कर्ज लेकर अपना ईंट निर्माण का कुटीर उद्योग चलाते हैं, लेकिन इस बार हुई तबाही ने ईंट निर्माताओं की कमर तोड़ दी है। शहर के 600 भट्टों पर रखी कच्ची ईंटें मलबे में बदल गई। इस कारण निर्माण कार्य भी ठप पड़ गए हैं। अनेक भट्टों पर मलबे का ढेर अभी भी नहीं हटाया जा सका है। नई ईंटों का उत्पादन बंद हो गया है, जिससे विकास कार्य भी ठप पड़ गए हैं। वर्ष 2006 में जिला प्रशासन ने भट्टा संचालकों को मौसम से हुई तबाही का आर्थिक मुआवजा दिया था, जबकि इस बार तो जबर्दस्त तबाही हुई है, इसलिए शासन एवं प्रशासन से उचित मुआवजा दिलाया जाए। विजयवर्गीय ने भट्टा संचालकों से सहानुभूति व्यक्त करते हुए विश्वास दिलाया कि वे हर संभव मदद दिलाएंगे।