इन्दौर । प्रदेश में नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के नि:शुल्क प्रवेश के संबंध में राज्य शिक्षा केन्द्र ने निर्देश जारी किये हैं। इस संबंध में 29 मई को केन्द्रीयकृत ऑनलाइन लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से छात्रों को अशासकीय विद्यालय आवंटित किये गये हैं। आवेदकों को आवंटन संबंधी सूचना केन्द्र ने एसएमएस के माध्यम से प्रेषित की है।
आवेदक अशासकीय विद्यालयों के आवंटन की स्थिति, आरटीई पोर्टल पर उपलब्ध ऑप्शन से देख सकते हैं। पालकों से कहा गया है कि अशासकीय स्कूल का आवंटन होने की स्थिति में आवेदक आवेदन में दर्ज रजिस्टर्ड मोबाइल तथा बच्चे का फोटो आवश्यक दस्तावेज की एक प्रति छात्र को साथ लेकर अशासकीय स्कूल में जाये। निर्देश में कहा गया है कि पालक एडमिशन के पूर्व यह सुनिश्चित कर ले कि वह अपने बच्चे को आवंटित स्कूल में ही प्रवेश कराना चाहते हैं, तभी प्रवेश की प्रक्रिया के लिये संबंधित स्कूल को ओटीपी प्रदान करें। संबंधित स्कूल द्वारा ओटीपी दर्ज करने के बाद ही स्कूल में नि:शुल्क प्रवेश सुनिश्चित होगा। पालकों को सचेत किया गया है कि एक बार प्रवेश के बाद पालक को किसी अन्य अशासकीय शाला में शिक्षा का अधिनियम के तहत नि:शुल्क प्रवेश की पात्रता नहीं होगी।
:: 10 जून तक होगा प्रवेश ::
अशासकीय स्कूल में प्रवेश 10 जून, 2025 तक ही हो सकेगा। नियत तिथि के बाद आवंटन-पत्र स्वत: निरस्त हो जायेगा। पालकों को यह जानकारी भी दी गयी है कि एक बार प्रवेश लेने के बाद भविष्य में स्कूल परिवर्तन नहीं हो सकेगा। इस संबंध में अशासकीय स्कूलों को भी निर्देश जारी किये गये हैं। विकासखण्ड स्रोत समन्वयक को आवंटन एवं प्रवेश की रिपोर्ट की समीक्षा प्रतिदिन करने के लिये कहा गया है। यदि किसी पालक द्वारा उनके बच्चे का स्कूल में सीट आवंटन के बाद संबंधित स्कूल द्वारा आवंटित विद्यार्थी को प्रवेश देने से मना करने की शिकायत मिलती है तो डीपीसी द्वारा तत्काल कलेक्टर के माध्यम से संबंधित स्कूल के विरुद्ध वैधानिक करवाई जायेगी।