भोपाल । वैदिक ज्योतिष अनुसार समय-समय पर ग्रह गोचर करके अशुभ योगों का निर्माण करते हैं, जिसका प्रभाव मानव जीवन और देश-दुनिया पर सीधा प्रभाव पड़ता है। आपको बता दें अभी गोचर में कई खतरनाक योग बन रहे हैं। जिसमें मंगल और शनि के बीच षडाष्टक, मंगल और केतु का कुजकेतु तो वहीं मंगल और राहु का समसप्तक योग बन रहा है। इन योगों को ज्योतिष में शुभ नहीं माना जाता है। क्योंकि मंगल ग्रह रक्त, क्रोध, आवेश, दुर्घटना, युद्ध, साहस, वीरता, भूमि और लड़ाई का कारक माना जाता है। तो वहीं शनि ग्रह भी प्राप्रटी, आयु, कर्म के कारक माने जाते हैं। वहीं राहु ग्रह को वाणी, जुआ, यात्राएं, चोरी, दुष्ट कर्म, त्वचा के रोग, धार्मिक यात्राएं आदि का कारक माना जाता है। ऐसे में इन योगों की वजह से देश- दुनिया में रेल, वायु, सडक़, देशों में युद्ध और भूकंप जैसी घटना हो सकती हैं। वैदिक ज्योतिष अनुसार 7 जून को मंगल सिंह राशि में गोचर कर गए हैं, जिससे मंगल और शनि के बीच यह योग बन रहा है। यह स्थिति 28 जून तक सक्रिय रहेगी, जब मंगल कन्या राशि में प्रवेश करेंगे और यह योग समाप्त हो जाएगा। वहीं मंगल और केतु का अशुभ कुजकेतु योग बन रहा है। जो 28 जुलाई को समाप्त होगा। वहीं ऐसे में इन दिनों में हवाई यात्रा और रेल, सडक़, भूकंप और देशों में युद्ध हो सकता है।