-रफ्तार 11,000 किमी प्रति घंटा और परमाणु हमले की भी होगी क्षमता
नई दिल्ली । इजराइल और ईरान के बीच सैन्य टकराव को लेकर दुनिया दो हिस्सों में बंट गई है। एक ओर अमेरिका और पश्चिमी देश इजराइल का समर्थन कर रहे हैं तो दूसरी ओर चीन और रूस जैसे ताकतवर देश ईरान का साथ दे रहे हैं। इसी जियोपॉलिटिकल अस्थिरता के बीच भारत के लिए अपने डिफेंस सिस्टम को लगातार अपडेट करना बेहद जरूरी हो गया है।
हाल में पाकिस्तान के साथ हुई झड़प ने इस खतरे को और बढ़ाती है। भारत इसे भलीभांति समझ चुका है और इसीलिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) लगातार नई तकनीकों और हथियारों पर काम कर रहा है। डीआरडीओ अब एक नई हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल यानी एक्सटेंडेड ट्रेजेक्टरी लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण करने की तैयारी में है। प्रोजेक्ट विष्णु के तहत विकसित की जा रही यह मिसाइल ब्रह्मोस से कहीं ज्यादा खतरनाक और तेज़ होगी। यह मिसाइल मैक-8 की रफ्तार यानी करीब 11,000 किलोमीटर प्रति घंटे से लक्ष्य की ओर बढ़ सकती है। इसकी मारक क्षमता 1500 किलोमीटर तक होगी और यह 1000 से 2000 किलोग्राम वॉरहेड ले जाने में सक्षम होगी।
ब्रह्मोस की तुलना में यह मिसाइल तीन गुना तेज होगी और पारंपरिक के साथ-साथ परमाणु हमले की भी क्षमता रखती है। इसमें इस्तेमाल हुआ स्वदेशी स्क्रैमजेट इंजन इसे उच्च गति पर उड़ने की शक्ति देता है और यह 2000 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी काम करने में सक्षम है। यह तकनीक अभी तक केवल रूस, अमेरिका और चीन के पास थी, लेकिन इसके सफल परीक्षण के बाद भारत भी इस विशिष्ट क्लब का हिस्सा बन जाएगा।
इस मिसाइल की खासियत है कि इसे जमीन, हवा या समुद्र कहीं से भी लॉन्च किया जा सकता है, जिससे ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी काफी बढ़ जाती है। यह दुश्मन के रडार को चकमा देने में भी सक्षम है। प्रोजेक्ट विष्णु के तहत विकसित यह मिसाइल भारत की सैन्य क्षमताओं में जबरदस्त इजाफा करेगी और रणनीतिक संतुलन बनाए रखने में अहम होगी।