:: अभियान के तहत जल संरक्षण और संवर्धन के हुए हजारों कार्य ::
इन्दौर । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा पर प्रारंभ जल गंगा संवर्धन अभियान का इन्दौर जिले में प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। यह अभियान इन्दौर जिले में व्यापक जनभागीदारी से जन-आंदोलन बन गया है। जिले में जल संग्रहण, जल संरक्षण और संवर्धन के हजारों कार्य प्रारंभ हो गये है। अभियान के तहत जहां एक और पूराने कुएं, बावड़ी और तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर नए तालाब बनाने का कार्य भी हाथ में लिया गया है। उक्त कार्यों में से अनेक कार्य पूर्ण हो गये है। जिले में खेत-खेत में भी तालाब बनाये जा रहे है। वॉटर हार्वेस्टिंग का कार्य भी बड़े स्तर पर हाथ में लिया गया है।
कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देशन में इस अभियान का जिले के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में प्रभावी रूप से क्रियान्वयन किया जा रहा है। जल गंगा संवर्धन अभियान इन्दौर में ख्याति प्राप्त कर चुका है। इन्दौर में हुए उल्लेखनीय कार्य के लिए हाल ही में राज्य स्तरीय जल प्रहरी अवार्ड प्राप्त हुआ। यह अवार्ड मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इन्दौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव को प्रदान किया। वर्तमान में इन्दौर जिले में जल गंगा अभियान के अन्तर्गत 645 खेत तालाब, 936 डग वेल रिचार्ज, 63 बावड़ी एवं चेकडेम जीर्णोद्धार, 5000 रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के साथ 12 अमृत सरोवर पर कार्य हो रहा है, जिसमें अधिकांश कार्य शुरू होकर प्रगति पर है। अनेक कार्य पूर्ण भी हो गये है। पिछले वर्ष 2024 में जिले में 101 अमृत सरोवरों का निर्माण किया गया। इन्दौर जिले के 43 ग्राम पंचायतों में तालाबों का गहरीकरण कार्य किया जा रहा जिससे 2300 कृषकों को लाभ हुआ। मनरेगा योजनान्तर्गत सामुदायिक हितग्राही मूलक वृक्षारोपण किये गए जिसमें इन्दौर जिले में 3 लाख से अधिक पौधे रोपित किये गए और आने वाले समय में इस वर्ष 10 लाख पौधे रोपे जाने का लक्ष्य रखा गया है।
अभियान के तहत अनेक पुरातत्व और धार्मिक महत्व की बावड़ियों का जीर्णोंद्धार कराया जा रहा है। इनमें से अनेक का कार्य पूरा हो गया है। इनमें प्रमुख रूप से बरलई जागीर की बावड़ी, रतन तलाई का तालाब, कनाडिया की अहिल्या बावड़ी आदि शामिल है।