केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा – सीजफायर पाक के अनुरोध पर हुआ

नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में शाम 7 बजे सदन में बोलना शुरू किया। विपक्ष ने हंगामा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को बुलाने की मांग की। इस पर शाह ने कहा- प्रधानमंत्री इस वक्त ऑफिस में हैं।
इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- प्रधानमंत्री के दिल्ली में रहते हुए भी वो यहां नहीं आ रहे, ये तो सदन का अपमान है। सदन-सदस्यों का अपमान करना ठीक नहीं है। इसके बाद विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा में अमित शाह ने रात 8:25 बजे तक भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने कहा- पाकिस्तानी आतंकियों ने जो नुकसान किया, उसके जवाब में भारत सरकार और सेना ने जो मजबूत जवाब ऑपरेशन सिंदूर से दिया। ऑपरेशन महादेव में तीन आतंकी मारे गए। शाह के भाषण के बाद राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसी के साथ राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर दो दिन की बहस भी खत्म हो गई।
शाह ने कहा विपक्ष ने 24 अप्रैल की बिहार में पीएम मोदी की जनसभा पर सवाल किए। मैं बताना चाहता हूं कि पीएम मोदी ने 24 अप्रैल को बिहार की जनसभा में कहा था भारत एक-एक आतंकियों की पहचान करेगा, उन्हें सजा देगा, न्याय मिलेगा। उनका बोला हुआ एक-एक शब्द सच हो गया। पीएम ने कहा था आतंकियों के आकाओं को नहीं छाड़ेंगे। सेना ने उन्हें भी नहीं छोड़ा। शाह ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में 2014 तक एक भी साल ऐसा नहीं था जब आतंकी हमले, बम धमाके न हुए हों। 609 से ज्यादा लोगों की जानें गई। कांग्रेस ने पोटा कानून का विरोध किया। ये टेररिस्ट की मदद करने वाली पार्टी है। मोदी सरकार में जम्मू-कश्मीर छोड़कर पूरे देश में कहीं भी बम धमाके नहीं हुए। घर में घुसकर परखच्चे उड़ाने का काम हमारी सरकार कर रही है। शाह ने कहा – चिदंबरम ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर निर्णायक नहीं था। वे अभी यहां (सदन) मौजूद नहीं हैं, लेकिन मैं उन्हें जवाब देना चाहूंगा। क्या 1965 और 1971 के युद्ध निर्णायक थे? अगर हां, तो आतंकवाद क्यों फैलता रहा? जब तक दुश्मन डरेगा या सुधरेगा नहीं, तब तक उसका निर्णायक अंत नहीं होगा। इतने सालों में उन्हें डराने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई, तो वे क्यों डरेंगे? शाह ने कहा – विपक्ष पूछ रहा है कि सीजफायर किसके कहने पर हुआ। यह किसी के कहने पर नहीं हुआ। पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए और हमारे डीजीएमओ से संघर्ष रोकने की गुहार लगाई। शुरू से ही हमारा इरादा युद्ध का नहीं था, न ही हम पाकिस्तान के लोगों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। पीएम मोदी ने तुरंत कहा- अगर पाकिस्तान रुकना चाहता है, तो रुक जाए, लेकिन राहुल गांधी अब भी मामले को तूल देने की कोशिश कर रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं।