कौन होगा बीजेपी का नया बॉस…..इन चार राज्यों में बॉस की नियुक्ति के बाद होगा तय

नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कब मिलेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है। बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी हो सकता है जब करीब 50 प्रतिशत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संगठनात्मक चुनाव पूरे हो जाएं। खबरों के अनुसार, बीजेपी जल्दी ही उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और त्रिपुरा में नए प्रदेश अध्यक्षों का ऐलान करेगी, जिसके बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। इन राज्यों में संगठनात्मक चुनाव अभी पूरे नहीं हुए हैं या प्रदेश अध्यक्षों के कार्यकाल समाप्त हो गए हैं, जिससे राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में देरी हो रही है।
फिलहाल भूपेंद्र सिंह चौधरी यूपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी देख रहे हैं, लेकिन उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है। यह बीजेपी के लिए सबसे बड़ा और अहम राज्य है, इसलिए यहां की नियुक्ति पूरे संगठन पर असर डाल सकती है। इसके अलावा गुजरात में भी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया अंतिम चरण में है और जल्द ही नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान हो सकता है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने के कारण यह चयन बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वहीं दक्षिण के राज्य कर्नाटक में संगठनात्मक चुनावों में देरी के कारण अभी तक नया प्रदेश अध्यक्ष नहीं चुना गया है। कर्नाटक दक्षिण भारत में बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है। पूर्वोत्तर भारत के त्रिपुरा राज्य में राजीव भट्टाचार्य 2022 से प्रदेश अध्यक्ष हैं। अब पार्टी यहां भी नए नेतृत्व की ओर बढ़ रही है।
दरअसल बीजेपी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी संभव है जब देश के आधे से ज्यादा राज्यों में संगठनात्मक चुनाव हो चुके हों। लेकिन अभी तक कई राज्यों, खासकर उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और त्रिपुरा में यह प्रक्रिया अधूरी है। इतना ही नहीं 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे ने भी इस चुनाव प्रक्रिया को अधर में डाल दिया है। अब पार्टी का पूरा ध्यान नए उपराष्ट्रपति के चुनाव पर केंद्रित हो गया है।
अध्यक्ष बनने की प्रक्रिया:
बीजेपी के संविधान की धारा-19 और 20 के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक तय प्रक्रिया से होता है। इसके लिए एक इलेक्टोरल कॉलेज तैयार किया जाता है जिसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषद के सदस्य होते हैं। उम्मीदवार का कम से कम 15 साल का प्राथमिक सदस्य होना जरूरी होता है और उसे 20 प्रस्तावक मिलने चाहिए, जो 5 अलग-अलग राज्यों से हों जहां संगठनात्मक चुनाव पूरे हो चुके हों। इसके बाद वोटिंग होती है और मतगणना के बाद परिणाम घोषित किया जाता है। संक्षेप में, बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन तब तक संभव नहीं है जब तक यूपी, गुजरात, कर्नाटक और त्रिपुरा जैसे राज्यों में संगठनात्मक नियुक्तियां पूरी नहीं होतीं और आधे से ज्यादा राज्यों में संगठनात्मक चुनाव संपन्न नहीं हो जाते।