भारत पर अगले 24 घंटे बहुत भारी, ट्रंप ने दी टैरिफ में बेतहाशा बढ़ोतरी करने की चेतावनी

नई दिल्ली । भारत की रूस से जारी तेल और सैन्य हथियारों की खरीद से चिढ़े अमेरिका के राष्ट्रपति का गुस्सा कम होने की बजाय दिनों दिन सातवें आसमान पर पहुंचता हुआ नजर आ रहा है। जिसकी बानगी डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मंगलवार को दिए गए बयान से मिलती है। जिसमें उन्होंने एक बार फिर से कहा कि भारत, अमेरिका का अच्छा व्यापारिक भागीदार नही है। वो हमारे साथ बहुत अधिक व्यापार करते हैं। लेकिन हम उनके साथ व्यापार नहीं कर पाते हैं। इसलिए मैंने 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। अब मुझे लगता है कि मैं अगले 24 घंटों में भारत पर लगाए जाने वाले टैरिफ में भारी बढ़ोतरी करने जा रहा हूं। भारत, रूस से तेल खरीदकर उसकी युद्ध की मशीनरी को ईंधन प्रदान कर रहा है। अगर वो ऐसा करते रहते हैं तो मैं उन्हें खुश नहीं रहने दूंगा। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिकी वस्तुओं, सामग्री पर दुनिया में सर्वाधिक टैरिफ वसूलने वाला देश है। एक साक्षात्कार में ट्रंप ने यह जानकारी दी है।यहां बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति की यह नई चेतावनी उनके द्वारा भारत पर 7 अगस्त (गुरुवार) से लागू होने वाले 25 फीसदी टैरिफ के ऐलान के तुरंत बाद दी गई है। जिसमें उन्होंने भारत द्वारा रूस से की जा रही तेल के अलावा हथियारों की खरीद को लेकर उस पर जुर्माना लगाने की बात भी कही थी। बीते 4 अगस्त को ट्रंप, भारत को धमकी देते हुए ये भी कह चुके हैं कि यूक्रेन में हो रही मौतों के मामले पर भारत को कोई चिंता नहीं है। वह रूस की युद्ध मशीनरी को अपनी तेल खरीद से आर्थिक मदद प्रदान कर रहा है। इसके अलावा भारत न केवल रूस से तेल खरीद रहा है। बल्कि वो इसके एक बड़े हिस्से को अपने मुनाफे के लिए वैश्विक बाजार में बेच भी रहा है।
रूस से तेल खरीद पर भारत पर लगातार निशाना साधने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति को भारत ने बेहद सख्त लहजे में अपना जवाब दे दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्रंप के तमाम आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि रूस से केवल भारत ही नहीं बल्कि उसकी आलोचना करने वाला अमेरिका भी व्यापार कर रहा है। ऐसे में भारत के व्यापार पर अमेरिका की आपत्ति न केवल अनुचित है। बल्कि ये पूरी तरह से तर्कहीन भी है। भारत अपने देश के राष्ट्रीय और आर्थिक हितों को सुरक्षित रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। रणधीर ने बयान में अमेरिका के साथ ही रूस से बड़े पैमाने पर व्यापार करने वाले यूरोपीय संघ (ईयू) पर भी निशाना साधा। जो कि रूस से जारी तेल की खरीद को लेकर लंबे वक्त से भारत की आलोचना करने में लगा हुआ है।
वहीं, इन सबके बीच ट्रंप की बयानबाजी को लेकर 5 अगस्त को रूस की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। जिसमें रूस के राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम कई ऐसे बयान सुनते हैं जो महज धमकियां हैं और जिनका उद्देश्य देशों को रूस के साथ व्यापार संबंध समाप्त करने के लिए मजबूर करने की कोशिश करना है। रूस ऐसे बयानों को वैध नहीं मानता है। पेस्कोव ने अपनी प्रतिक्रिया में हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति या अमेरिका के नाम का कहीं कोई जिक्र नहीं किया।