जब तक कोर्ट से निर्दोष साबित नहीं हुआ, कोई पद ग्रहण नहीं किया
नई दिल्ली । संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन बिल पेश किए। इसमें कंस्टीट्यूशन अमेंडमेंट बिल 2025 भी पेश किया। बिल का विपक्षी सांसद जोरदार विरोध कर रहे हैं। इस दौरान केरल के अलझुपा से कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि जब अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री थे अपने ऊपर आरोप लगने के बाद भी नैतिकता का पालन नहीं किया था। कांग्रेस नेता वेणुगोपाल के आरोप पर केंद्रीय मंत्री शाह बिफर गए और उन्हें पूरी बात संसद में विस्तारपूर्वक बता दी।
दरअसल, संविधान संशोधन विधेयक 130 का विरोध में कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल बोल रहे थे। तभी उन्होंने आरोप लगाए कि जब शाह गुजरात के गृह मंत्री थे, तब उन्होंने नैतिकता का पालन नहीं किया था। इस पर बीजेपी के चाणक्य शाह ने वेणुगोपाल को घेर लिया।
वेणुगोपाल को बीच में टोकते हुए शाह अपनी जगह से उठे। उन्होंने कहा कि मुझे सुनो जरा, मुझे सुनो ना……पहले बैठ जाओ। उन्होंने लोकसभा में कहा कि मैं रिकॉर्ड साफ करना चाहता हूं कि मुझपर झूठे आरोप लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि मैंने नैतिकता के मूल्यों का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि मैंने अरेस्ट होने से पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। शाह ने कहा कि जबतक मैं कोर्ट से निर्दोष साबित नहीं हो गया तबतक मैंने कोई पद ग्रहण नहीं किया।
इस दौरान विपक्षी सांसदों ने संविधान संशोधन बिल की प्रतियां फाड़कर केंद्रीय गृह मंत्री शाह की ओर फेंक दी। बिल का विपक्षी दलों ने जमकर विरोध किया। हालांकि, शाह ने कहा कि वे इस विधेयक को सिलेक्ट कमिटी में भेजने का प्रस्ताव करुंगा जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सांसद शामिल है।