इंदौर । संभागायुक्त दीपक सिंह ने अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के लिए जाति प्रमाण पत्र और राहत राशि के वितरण में हो रही देरी पर कड़ा रुख अपनाया है। बुधवार को अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 की समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।
गूगल मीट के माध्यम से हुई इस बैठक में आईजी अनुराग, संयुक्त आयुक्त विकास डी.एस. रणदा, जनजातीय कार्य विभाग के डिप्टी कमिश्नर बृजेशचन्द्र पाण्डेय, अजाक पुलिस अधीक्षक शेरसिंह भूरिया, जिला अभियोजन अधिकारी एम.के. चतुर्वेदी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। सिंह ने कहा कि दर्ज मामलों की समीक्षा पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि पीड़ित व्यक्तियों और उनके परिवारों के सदस्यों के जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाए, ताकि इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।
संभागायुक्त ने कहा कि अदालतों में दर्ज मामलों की सही तरीके से पैरवी की जाए, ताकि अपराधियों को सख्त सजा मिल सके। इसके लिए पीड़ितों के बयान जल्द से जल्द दर्ज करवाए जाएं। उन्होंने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि पीड़ितों को तुरंत राहत पहुँचाई जाए और इसके लिए मिले बजट का 100% इस्तेमाल हो। राहत के लिए अतिरिक्त बजट की मांग तुरंत मुख्यालय को भेजी जाए।
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि नए नियमों के अनुसार, अब अन्य राज्यों के निवासियों को भी वहीं से राहत राशि का भुगतान किया जाएगा जहाँ FIR दर्ज हुई है। सिंह ने जोर दिया कि जिला स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समिति की बैठकें समय पर होनी चाहिए और लंबित मामलों की जाँच में तेजी लाई जाए। उन्होंने अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए फील्ड में जाकर मॉनिटरिंग करने को कहा।