जीएसटी में बदलाव – अधूरा सुधार, जनता की मूल समस्याएँ जस की तस

सस्ते क्रूड का लाभ पूजीपतियों को लेकिन टैरिफ की मार पूरा देश भोग रहा : कांग्रेस
भोपाल । केंद्र सरकार द्वारा घोषित जीएसटी सुधारों को लेकर कांग्रेस पार्टी स्पष्ट करना चाहती है कि हम उपभोक्ता वस्तुओं पर कर में कटौती का स्वागत करते हैं, लेकिन यह सुधार देर से, अधूरा और आम जनता की मूल समस्याओं से कटा हुआ है।प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि देश के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पहले.दिन से जीएसटी के दो स्लेब रखने की वकालत करते रहे हैं किंतु यह बात समझने में मोदी जी ने भारत की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण 7 साल गंवा दिये।
गुप्ता ने कहा कि मोदी सरकार सात वर्षों तक जनता को ऊँचे और जटिल कर ढाँचे में फँसाए रखने के बाद सरकार अब चुनावी माहौल में “सुधार” का डंका बजा रही है। यदि वास्तव में सरकार आम लोगों को राहत देना चाहती, तो पेट्रोल-डीज़ल, बिजली और शराब जैसी आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं को जीएसटी के दायरे में शामिल करती। इन पर टैक्स सबसे अधिक बोझ डालते हैं। परंतु मित्रों को बाहर रखकर सरकार ने साफ कर दिया है कि आम आदमी की जेब से कमाई करना ही उसकी असली नीति है।
अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर सरकार कह रही है कि घरेलू टैक्स सुधार से असर कम होगा। यह असल में विदेश नीति की नाकामी है। मजबूत कूटनीति से टैरिफ का जवाब देने के बजाय, सरकार भारतीय उपभोक्ताओं पर बोझ डालकर “मेक-अप” कर रही है।
टैक्स कटौती से बड़े उद्योगपतियों और कॉर्पोरेट घरानों को तो फायदा मिलेगा, पर किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी और आम उपभोक्ता को वास्तविक राहत कहाँ है? इस बदलाव से राज्यों के राजस्व का क्या होगा, इस पर सरकार मौन है। क्या केंद्र राज्यों के हिस्से का नुकसान भी पूरा करेगा?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने स्पष्ट किया कि जीएसटी सुधार बिना पेट्रोल-डीज़ल, बिजली और शराब को शामिल किए अधूरा है।
यह “वन नेशन, वन टैक्स” नहीं बल्कि “एक देश, गरीब पर बोझ” की नीति है।
गुप्ता ने कहा कि यह निर्णय जनता की जेब हल्की करने और कॉर्पोरेट को खुश करने का एक तरीका है।
हम माँग करते हैं कि सरकार इस अधूरे सुधार को चुनावी जुमले में बदलने के बजाय इसे पूर्ण करे और वास्तव में जनता को राहत पहुँचाए।