दिल के झरोखे में संगीत संध्या : रवींद्र नाट्य गृह में गूंजे सदाबहार नगमें

अग्रवाल परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कलाकारों ने बाँधा समा, श्रोता तीन घंटे तक झूमते रहे ::
इंदौर । रवींद्र नाट्य गृह में आयोजित दिल के झरोखे में संगीत संध्या के दौरान, मुंबई और पुणे के कलाकारों ने अपने गीतों से ऐसा समा बाँधा कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। संस्था अग्रवाल परिषद द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में हर आयु वर्ग के श्रोता तीन घंटे तक झूमते रहे।
गायिका गुल सक्सेना (मुंबई) और रसिका गानू (पुणे) ने अपनी आवाज़ में लता मंगेशकर और आशा भोंसले के सदाबहार गीतों को जीवंत कर दिया। वहीं, गायक राणा चटर्जी और सर्वेश मिश्रा (मुंबई) ने मोहम्मद रफी और मन्ना डे के नगमे सुनाकर पुरानी यादों को ताजा कर दिया।
:: दो दर्जन से अधिक गीतों की प्रस्तुति, पूर्व अध्यक्षों का सम्मान ::
कार्यक्रम की शुरुआत गुल सक्सेना ने झुमका गिरा रे… गीत से की, जिसके बाद सर्वेश मिश्रा और गुल सक्सेना ने कितना प्यारा वादा… गीत से पुरानी यादों को ताजा किया। इसके अलावा आ जा सनम मधुर चांदनी में हम…, आज मौसम बड़ा बेईमान है…, जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा…, कजरा मोहब्बत वाला… और ये दिल तुम बिन लगता नहीं है… जैसे लगभग दो दर्जन गीतों की प्रस्तुति दी गई।
इस मौके पर संस्था के पूर्व अध्यक्षों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था के संस्थापक ओम सिंघल और पूर्व अध्यक्षों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मंच का संचालन शिक्षा शर्मा ने किया, जबकि कोरस की प्रस्तुति स्वरांश पाठक ने दी। मुंबई से आए 10 वायलिन वादकों ने अपने वाद्य यंत्रों से संगीत को और भी मधुर बना दिया।
संस्था के अध्यक्ष मनीष खजांची, सचिव राजेश नागोरी, मुख्य संयोजक अनिल गोयल और दिलीप अग्रवाल ने सभी कलाकारों का स्वागत किया।