इंदौर । इंदौर की महाकाल सेवा संस्थान और सुल्तान-ए-इंदौर ने मिलकर एक प्रशंसनीय पहल की है। सर्वपितृ अमावस्या के अवसर पर, इन संस्थाओं ने 200 लावारिस शवों की अस्थियों का विधिवत पूजन कर उन्हें नर्मदा नदी में विसर्जित करने के लिए ओंकारेश्वर रवाना किया। इस दौरान, विद्वान पंडितों के सानिध्य में सभी धार्मिक रस्में और पिंडदान भी संपन्न किए गए।
संस्था के प्रमुख अशोक गोयल, करीम पठान और जयदीप जोशी ने बताया कि यह संस्था पिछले 40 सालों से 11,700 से अधिक लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुकी है, जो मानवता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
गांधी हॉल में हुए इस कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, सद्गुरु अण्णा महाराज, भागवताचार्य पं. पुष्पानंद पवन तिवारी और समाजसेवी हरि अग्रवाल जैसे गणमान्य लोग उपस्थित थे। अतिथियों ने इस आयोजन की जमकर तारीफ की और इसे मानवता और सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।
कार्यक्रम में गुरुद्वारे से आए पंच प्यारों ने भी अस्थियों के समक्ष अरदास की, जिसमें दिलीप राजपाल, मामा सरदार और योगीराज नाथयोगी शामिल थे। इस अवसर पर सुरेश मोरे, फिरोज पठान, रिंकू ठाकुर, विजयेन्द्र यादव, हेमंत शर्मा, राजकुमार मेहता सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद थे।
संस्था को लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी सम्मानित किया जा चुका है, जो उनके नेक कार्य की विश्वव्यापी पहचान है।