नई दिल्ली । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि भाजपा चाहे कितना भी झूठ और भ्रम फैलाए, महागठबंधन अति पिछड़े, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और पिछड़े समुदायों को पूरा अधिकार दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। राहुल गांधी का यह बयान तब आया है, जब एक दिन पहले बिहार में विपक्षी गठबंधन ने अति पिछड़ा न्याय संकल्प पत्र जारी किया है।
कांग्रेस नेता एक्स पर लिखा, भाजपा चाहे जितने भी झूठ बोले और ध्यान भटकाने की साजिश करे, हम अति पिछड़े, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और पिछड़े समाज को उनका पूरा हक दिलाने के लिए संकल्पित हैं। बिहार में अति पिछड़ा समाज को मजबूत बनाने और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए हमने अति पिछड़ा न्याय संकल्प पत्र में ठोस वादे किए हैं। शिक्षा इन समुदायों की प्रगति का सबसे बड़ा साधन है, इसलिए इस क्षेत्र में उनकी पहुंच बढ़ाने के लिए विशेष संकल्प हैं। उन्होंने आगे लिखा, अब निजी कॉलेज और विश्वविद्यालयों में भी आरक्षण लागू होगा, निजी स्कूलों की आरक्षित आधी सीटें एससी/एसटी/ओबीसी/ईबीसी बच्चों को मिलेंगी और नियुक्तियों में उपयुक्त नहीं पाया गया जैसी अन्यायपूर्ण व्यवस्था खत्म होगी। यह केवल शिक्षा नहीं, बल्कि अति पिछड़ों की बराबरी और सम्मान की लड़ाई है। यही है सच्चा सामाजिक न्याय और समान विकास की गारंटी। बुधवार को अपने संक्षिप्त भाषण में राहुल गांधी ने दस प्रमुख संकल्प भी पढ़े, जो खासकर ईबीसी वर्ग और आमतौर पर एससी, एसटी, ओबीसी जैसे वंचित समुदायों के कल्याण से जुड़े हैं। नीतीश कुमार सरकार में कुछ साल पहले कराए गए सर्वे के मुताबिक, बिहार की कुल आबादी में ईबीसी की हिस्सेदारी 36 फीसदी है। राहुल गांधी ने वादा किया कि ईबीसी के लिए अत्याचार निवारण कानून बनाया जाएगा। स्थानीय निकायों और पंचायतों में ईबीसी को मिलने वाला आरक्षण 20 से बढ़ाकर 30 फीसदी किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि एससी, एसटी, ओबीसी और ईबीसी को मिलाकर सरकारी ठेकों (25 करोड़ रुपये तक), निजी शिक्षण संस्थानों में दाखिले और भूमिहीन परिवारों को शहरी क्षेत्रों में तीन डिसिमल व ग्रामीण क्षेत्रों में पांच डिसिमल जमीन देने की गारंटी होगी।