अंबाला में भारतीय सेना का ड्रोन शो: ऑपरेशन सिंदूर और महादेव में इस्तेमाल हुए नैनो ड्रोन की ताकत का प्रदर्शन

अंबाला । भारतीय सेना ने पहली बार अपनी ड्रोन क्षमता का खुला प्रदर्शन किया और यह दिखा दिया कि आधुनिक युद्ध तकनीक में अब वह किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। अंबाला फायरिंग रेंज में आयोजित इस ड्रोन अभ्यास में न केवल निगरानी और हमले में सक्षम ड्रोन दिखाए गए, बल्कि काउंटर ड्रोन सिस्टम और नए विकसित इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज का भी प्रदर्शन किया गया।
सेना ने इस अभ्यास में उन नैनो ड्रोन को भी पेश किया जिन्हें ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव के दौरान इस्तेमाल किया गया था। ऑपरेशन सिंदूर में तीनों सेनाओं ने मिलकर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था और आतंकियों के ठिकानों पर सटीक कार्रवाई की थी। इसमें नैनो ड्रोन ने अहम भूमिका निभाई थी। इस अवसर पर ड्रोन निर्माता अरुण कुमार ने मीडिया को बताया कि यह नैनो ड्रोन मुख्य रूप से निगरानी के लिए डिजाइन किया गया है। यह 200 मीटर तक उड़ान भर सकता है। इसकी रेंज 2 किलोमीटर है। यह पूरी तरह नॉइज-फ्री है, यानी दुश्मन को इसकी मौजूदगी का अंदाजा नहीं होता। भारतीय सेना 2018 से विशेष अभियानों में इसका इस्तेमाल कर रही है।
इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज: युद्ध में नया हथियार
सेना के कर्नल पुष्प राज पांडे ने बताया कि एक नया इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज तैयार किया गया है। इसे किसी भी गोला-बारूद से जोड़कर ड्रोन के जरिए छोड़ा जा सकता है। यह फ्यूज ड्रोन के पेलोड के अनुसार काम करेगा और दुश्मन के ठिकानों पर ज्यादा प्रभावी हमला करने की क्षमता देगा।
आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
इस प्रदर्शन ने साफ कर दिया है, कि भारतीय सेना अब स्वदेशी तकनीक पर ज्यादा भरोसा कर रही है और आधुनिक युद्ध के लिए खुद को लगातार अपग्रेड कर रही है। अभ्यास का संदेश साफ था, आगामी अभियानों और युद्ध में ड्रोन का इस्तेमाल और बढ़ेगा।