एम्स में आई दो युवकों की जिंदगी में रोशनी

एम्स में नेत्रदान व कॉर्निया ट्रांसप्लांट दोनों की सुविधा शुरु
भोपाल (ईएमएस)। राजधानी स्थित अखिल भारतीय आयु्र्विज्ञान संस्थान (एम्स) में दो युवकों की अंधेरी जिंदगी में रोशनी आ गई है। दरअसल शहर के एम्स अस्पताल में अब नेत्रदान व कॉर्निया ट्रांसप्लांट (आंख लगाना) भी शुरू हो गया है। रविवार को यहां पर दो युवकों में कार्निया ट्रांसप्लांट किया गया, जो सफल रहा है। दो महीने पहले अस्पताल के आई बैंक को लाइसेंस मिलने के बाद यह पहला ट्रांसप्लांट है। एम्स में यह सुविधा शुरू होने से शहर में नेत्रदान को बढ़ावा मिलेगा। रविवार को एक व्यक्ति की मौत के बाद परिजन ने एम्स में बॉडी और आंखें दान की थी। इनमें दोनों आंखें दो अलग-अलग युवकों को लगाई गईं।
एम्स में कॉर्निया ट्रांसप्लांट शुरू होने के बाद नए भोपाल में नेत्रदान होने के बाद जल्दी टीम कॉर्निया निकालने के लिए पहुंच सकेगी। कॉर्निया लगाने के लिए कोई जरूरतमंद नहीं मिला तो आंख को हफ्ते भर तक एमके मीडिया (एक तरह की तरल, जिसमें आंखें रखी जाती हैं) में रखा जा सकेगा। ट्रांसप्लांट के लिए 40 जरूरतमंदों की सूची तैयार की है। प्रदेश के आई बैंकों में एम्स का बैंक सबसे ज्यादा साधन संपन्न बनाने की तैयारी है। ऑपरेशन थियेटर में बैक्टीरिया व फंगस का खतरा नहीं रहेगा। एम्स के डायरेक्टर प्रो.(डॉ.) सरमन सिंह का कहना है कि हाल ही में कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया गया है। जरूरतमंदों की सूची भी बनाई गई है। आई बैंक में जल्द ही अन्य सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी। दूसरे आर्गन ट्रांसप्लांट की भी कोशिश कर रहे हैं।