“बचपन की पाठशाला” का आयोजन प्रीतमलाल दुआ कला वीथिका में क्रिएट स्टोरीज द्वारा तीन दिनी समूह प्रदर्शनी कला के रंग के दूसरे दिन किआ गया जिसमें उन चीज़ों को शामिल किया गया जो आज की सोशल मीडिया के उलझनों में देखने को नही मिलता ।
संचालक दीपक शर्मा ने बताया की मोबाइल और इंटरनेट ने काम तो आसान कर दिए है लेकिन असल जिंदगी से दूर कर दिया है।सबसे रोचक अंताक्षरी थी क्योंकि नई पीढ़ी ने इसे न के बराबर खेली व देखी है लेकिन यहां हर उम्र के प्रतिभागी होने के कारण सभी ने इसको उत्कसुखता से खेला जिसमे 2 टीम बनाई गई 20 – 20 लोगो की और नए पुराने गाने गाये गए जैसे-
ये तो आशा की लहर है ये तो उम्मीद की सहर है खुशियों की नहर है खो ना जाएँ ये.. तारे ज़मीं पर,
ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम वो फिर नहीं आते ओ मंज़िल पे मेरी नज़र, मैं दुनिया से बेखबर बीती बातों पे धूल उड़ाता चला मैं हूँ झुम झुम झुम झुम …
ऊँगली पकड़ के तूने चलना सिखाया था ना देहलीज़ ऊँची है ये पार करा दे, हसते हसते कट जाएँ रस्ते ,
ज़िन्दगी प्यार का गीत है इसे हर दिल को गाना पड़ेगा ज़िन्दगी ग़म का सागर भी है हँस के उस पार जाना पड़ेगा,
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गये , यारी है ईमान मेरा यार मेरी ज़िन्दगी, गोरी है , यारो दोस्ती बड़ी ही हसीं है , रोते रोते हँसना सीखो, आदि
नए पुराने गाने गुनगुनाए गए वो भी बिना किसी रीमिक्स के एवं सभी ने खुल के अपने पसंदीदा गाने गुनगुनाए क्योंकि गाने सुनने से ज्यादा एक टीम के साथ मिलकर गाना गाने की वो खुशी महसूस कर कई लोगो के रियल लाइफ नए फ्रेंड्स बने एवं अंत मे सभी ने एक गाने की लाइन साथ गाई – मेरी जीत तेरी जीत तेरी हार मेरी हार , सुन ऐ मेरे यार तेरा ग़म मेरा ग़म , मेरी जान तेरी जान ऐसा अपना प्यार , ये … दोस्ती हम नहीं … तोड़ेंगे तोड़ेंगे दम मगर , तेरा साथ ना छोडेंगे ।
इसके साथ ही पासिंग द पार्सल घोडा है बादाम छाई खिलाया गया जिसमें आउट होने वाले व्यक्ति को अपने इंटरेस्ट और पैशन की पनिशमेंट लेने की आज़ादी थी जिसमे वो सब कर सकते थे जो आज के भाग दौड़ भरे युग मे उन्हें करने का वक़्त नही मिलता ।साथ कि एक खेल ऐसा भी था जिसमे कुछ अंग्रेज़ी के शब्द पूछे जिसका जवाब हिंदी में देना था जैसे – कैमरे को हिंदी में प्रतिबिम्ब लेने की पेटी ,ब्लैकबोर्ड का मतलब श्यामपट्ट, टेबल को मेज , मोबाइल मतलब चलित दुरभाष यंत्र ।
म्यूजिकल चेयर रेस भी खिलाया गया जिसमे फीमेल विनर आरती सेन थी, मेल विनर तन्मय लवानिया और किड्स में दिव्यांशु विश्नार रहे |9 दिसंबर अंतिम दिन ” ज़िन्दगी के रंग ” कार्यक्रम होगा जिसमें जीवन जीती कहानियां सुनाई जाएंगी ।