मुम्बई 09 दिसंबर (वार्ता) कमजोर वैश्विक रुख से बीते सप्ताह बिकवाली को झेलने वाले घरेलू शेयर बाजार की दिशा आगामी सप्ताह वैश्विक संकेतों के साथ ही आर्थिक आंकड़ों, पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों,डॉलर की तुलना में भारतीय मुद्रा की स्थिति तथा कच्चे तेल की कीमतों में आने वाले उतार-चढाव से तय होगी।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 521.05 अंक यानी 1.44 प्रतिशत की साप्ताहिक गिरावट के साथ 35,673.25 अंक पर और एनएसई का निफ्टी 183.05 अंक यानी 1.68 प्रतिशत लुढ़ककर 10,693.70 अंक पर बंद हुआ। आलोच्य सप्ताह के दौरान बड़ी कंपनियों की अपेक्षा छोटी और मंझोली कंपनियों को अधिक बिकवाली झेलनी पड़ी। बीएसई का मिडकैप 321.86 अंक यानी 2.14 प्रतिशत उतरकर 14,717.49 अंक पर आैर स्मॉलकैप 322.51 अंक यानी 2.24 प्रतिशत की गिरावट में 14,104.65 अंक पर बंद हुआ।
आगामी सप्ताह मंगलवार 11 दिसंबर को मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना के चुनाव परिणाम जारी होने हैं। विश्लेषकों के मुताबिक ये चुनाव परिणाम अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की दिशा तय करने वाले माने जा रहे हैं इसी वजह से इनका प्रभाव शेयर बाजार पर दिखेगा। भारतीय मुद्रा भी चुनाव परिणाम से प्रभावित रहेगी।
इसके अलावा बुधवार 12 दिसंबर को जारी होने वाले खुदरा महंगाई दर तथा औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े तथा 14 दिसंबर को जारी होने वाले थोक महंगाई दर और व्यापार संबंधी आंकड़े निवेश धारणा को प्रभावित करेंगे।
वैश्विक रुख का भी प्रभाव शेयर बाजार पर दिखेगा। अमेरिका और चीन के संबंधों में चीन की प्रौद्योगिकी कंपनी हुवावेई की मुख्य वित्तीय अधिकारी की गिरफ्तारी की घटना के प्रभाव, कच्चे तेल की कीमतें और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा इस माह होने वाली बैठक में ब्याज दर बढाये जाने की प्रबल आशंका का असर विदेशी बाजारों के साथ घरेलू शेयर बाजाराें पर भी रहेगा। ब्याज दर बढाये जाने की स्थिति में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों में शुद्ध बिकवाल बन जायेंगे।
अर्चना
जारी वार्ता