नयी दिल्ली 14 दिसंबर (वार्ता) वित्त वर्ष 2019-20 की शुरुआत में होने वाले आम चुनाव से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि राजनीतिक तौर पर अगले छह महीने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत गंभीर रहेंगे।
श्री जेटली ने यहाँ भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) की दो दिवसीय 91वीं आम वार्षिक बैठक का उद्घाटन करते हुये नीतियों में स्थिरता लाये जाने की आवश्यकता बतायी और कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ सुधार की और ध्यान दिये जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में अभी 7-8 फीसदी की गति से बढ़ने की क्षमता है और वैश्विक स्तर पर हो रहे उतार-चढ़ाव को झेलने में यह सक्षम है। उन्होंने कहा कि ऋण उठाव में बढ़ना चाहिये और तरलता के मुद्दे का भी समाधान किया जाना चाहिए।
श्री जेटली ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कुछ देशों के बीच चल रहा व्यापार युद्ध कब तक चलेगा यह कहना संभव नहीं है, लेकिन कुछ देशों की नीतियों का असर भारत सहित दुनिया के अधिकांश देशों पर होता है। उन्होंने कहा कि तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और व्यापार युद्ध से भारतीय मुद्रा और चालू खाता घाटे पर विपरीत प्रभाव पड़ने के बावजूद भारत वित्तीय घाटे को लक्षित दायरे में बनाये रखने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि महँगाई नियंत्रण में है।
उन्होंने कहा कि अगले एक-दो वर्षाें में देश के सभी गाँव सड़क संपर्क से जुड़ जायेंगे। पिछले वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में 45 लाख मकान बनाये गये और इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 50 लाख पर पहुँच जायेगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों की संख्या 96 प्रतिशत पर पहुँच गयी है।