(मुंबई) आरबीआई को अमेरिका और इंग्लैंड के तर्ज पर चलाने के लिए तो नए सिरे से बनाना होगा बोर्ड

मुंबई (ईएमएस)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) अमेरिका और इंग्लैंड की बैंकों की तरह चलाने के लिए तो नए सिरे से इसके बोर्ड का गठन करना होगा। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कहा है कि केंद्रीय बैंक के सेंट्रल बोर्ड की भूमिका में बैंक ऑफ इंग्लैंड (बीओई) और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तर्ज पर बदलाव करने का जो सुझाव केंद्र सरकार ने शुरू में दिया था, अगर उसके मुताबिक कदम उठाया गया तो एक तरह से बोर्ड का गठन नए सिरे से करने की जरूरत होगी। आचार्य ने पिछले सप्ताह ‘आरबीआई के गवर्नेंस’ पर बोर्ड मीटिंग में चर्चा के दौरान अपनी राय रखी थी। बताया जा रहा है कि इस विषय पर आरबीआई की ओर से तैयार किया गया एक नोट बाद में बोर्ड मेंबर्स को दिया जाएगा। मामले से वाकिफ एक व्यक्ति ने बताया, डॉ आचार्य अभी जो स्थिति है, उसी पर रोशनी डाल रहे थे। दूसरे बड़े सेंट्रल बैंकों के बोर्ड मेंबर्स की नियुक्ति इस तरह की जाती है कि हितों का टकराव न हो। कई मामलों में डायरेक्टर का जॉब फुलटाइम रिस्पॉन्सिबिलिटी वाला होता है। हमने जहां तक समझा, उसके मुताबिक उनकी राय यह थी कि अगर आरबीआई को बोर्ड के निर्देशों पर ही चलाना हो तो इसके नियमों और ढांचे में बदलाव करना होगा। उदाहरण के लिए, अभी डिप्टी गवर्नरों के पास वोटिंग का अधिकार नहीं है।
अगर ‘आरबीआई का गवर्नेंस’ सरकार के टॉप एजेंडा से बाहर हो जाए और तत्काल किसी बदलाव पर जोर न दिया जाए, तो भी आरबीआई और इसके डायरेक्टर्स इस बात पर विचार करेंगे ही कि बोर्ड किस तरह ज्यादा सार्थक और सक्रिय भूमिका निभा सकता है और अब तक की तरह केवल एडवाइजरी रोल में न रहे। सूत्र ने कहा, उदाहरण के लिए, बैंकों पर प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन लागू करने या इसके नियमों में बदलाव जैसे निर्णयों पर बोर्ड में चर्चा की जानी चाहिए। जरूरी हो तो यह प्रावधान किया जा सकता है कि बोर्ड की बैठकें ज्यादा हुआ करें। अभी दो महीने में एक बार बैठक होती है। या बड़े प्रस्तावों पर चर्चा के लिए शॉर्ट नोटिस पर मीटिंग्स बुलाई जा सकती हैं। डॉ. आचार्य और आरबीआई की राय यह है कि आरबीआई और बैंक ऑफ इंग्लैंड के बोर्ड्स की तुलना नहीं की जा सकती है। बैंक ऑफ इंग्लैंड के बोर्ड के डायरेक्टर के पास ऐसे फाइनेंशियल या दूसरे इंटरेस्ट्स नहीं हो सकते हैं, जिनसे बोर्ड मेंबर के रूप में काम करने की उनकी क्षमता प्रभावित होती हो।
विपिन/ईएमएस/ 17 दिसंबर 2018