उत्तरकाशी (ईएमएस)। 1971 के जंग में शहीद अपने पति की छवि अब उसके लिए एक सपना भर बनकर रह गई थी। लेकिन सेना की कोशिशों से 65 वर्षीय आमरा देवी के चेहरे पर मुस्कान तो आंखों में आंसू थे। हो भी क्यों न, करीब 50 साल बाद वह पहली बार अपने शहीद पति का दीदार तस्वीर में कर रही थीं। एक लंबे इंतजार के बाद उन्हें यह मौका नसीब हुआ था। वह सिर्फ 18 साल की थी जब उनकी शादी गार्ड्स रेजिमेंट के जवान सुंदर सिंह से हुई थी। विवाह के फौरन बाद 20 वर्षीय सुंदर सिंह को लड़ाई में शामिल होने का बुलावा आ गया। इतना भी समय नहीं मिला कि दूरदराज इलाके में रहने वाला यह नवविवाहित जोड़ा समीप के कस्बे डुंडा में स्थित स्टूडियो जाकर परंपरागत तस्वीर खिंचवा सके। दुर्भाग्यवश पूर्वी पाकिस्तान के किसी हिस्से में सुंदर सिंह की हत्या कर दी गई और शव वहीं दफना दिया गया। शादी के कुछ ही दिनों बाद विधवा होने का दंश झेलने वालीं आमरा देवी ने अपने पति को एक बार देखने की इच्छा जताई। उन्होंने इस संबंध में जिला प्रशासन से संपर्क किया पर उनके रिकार्ड में शहीद की कोई फोटो नहीं थी। काफी संघर्ष के बाद उन्होंने सैनिक कल्याण और पुनर्वास विभाग निदेशालय से मदद मिली। निदेशालय ने शहीद के रेजिमेंट में रहे दोस्तों से संपर्क साधा और अंतत: रेजिमेंट के महाराष्ट्र स्थित हेडक्वार्टर से एक ग्रुप फोटो मिली जिसमें सुंदर सिंह भी शामिल थे।
गत रविवार को विजय दिवस के मौके पर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने आमरा देवी को उनके पति की तस्वीर भेंट की। हालांकि यह तस्वीर धुंधली है और इसमें सुंदर सिंह का चेहरा साफ नजर नहीं आ रहा है। इतने लंबे अरसे बाद फोटो में पति को देखने से खुशा आमरा देवी कहती हैं, ‘मैं तो भूल गई थी कि वह कैसे दिखते हैं और कैसे बात करते हैं पर अब ऐसा लग रहा है कि वे एक बार फिर मेरे सामने जिंदा खड़े हो गए हैं। मेरी नई-नई शादी हुई थी और मेरे मन में भी और लड़कियों की तरह बहुतेरे ख्वाब थे। जब इनके शहीद होने की खबर आई तो मेरे भीतर भी बहुत कुछ मर गया था पर उन्हें दोबारा देखने की इच्छा हमेशा से मन में रही। सैनिक कल्याण बोर्ड एक अधिकारी ने बताया, हम पिछले कई सालों से आमरा देवी की इच्छा पूरी करने का प्रयास कर रहे थे। हमने पहले सुंदर सिंह की तस्वीर बनवाने की कोशिश की पर न तो आमरा देवी को उनका चेहरा याद था और न ही गांववालों को। अब हमें फोटो मिल गई है तो जल्द ही आमरा देवी को उनके पति की स्पष्ट तस्वीर बनवा कर गिफ्ट किया जाएगा।
विपिन/ईएमएस/ 17 दिसंबर 2018