सूत्रों ने बताया कि पेशवाई की शुरूआत 25 दिसम्बर को शैव संन्यासी संप्रदाय के सातों अखाड़े: श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के साथ ही श्री पंचदशनाम पंच अग्नि अखाड़ा भी रहेगा। सात जनवरी श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा, एक जनवरी को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, दो जनवरी श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी, तीन जनवरी श्री पंच अटल अखाड़ा, चार जनवरी को श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती।
बैरागी वैष्णव संप्रदाय के तीनों अखाड़े: अखिल भारतीय श्रीपंच दिगम्बर अनी अखाड़ा , अखिल भारतीय श्री निर्वानी आनी अखाड़ा और अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े की पेशवाई 29 दिसम्बर को निकलेगी।
जूना अखाड़े के सबसे अधिक नागा संतों की फौज की पेशवाई को नगर के प्रमुख स्थानों से शहर में प्रवेश कराकर उनके अखाड़े की धर्मध्वजा स्थल तक पहुँचाना भी प्रशासन के लिए एक दुष्कर काम होगा।
किन्नर अखाड़ा परिषद के आचार्य महामण्डलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने बताया कि उज्जैन सिंहस्थ कुंभ के बाद 2019 में लगने जा रहे प्रयाग कुंभ में भी किन्नर अखाड़ा अृमत स्नान (शाही स्नान) स्नान करेगा, संगम तट पर शिविर लगाएगा और धूम-धाम से देवत्व यात्रा (पेशवाई) निकालेगा।
उन्होंने बताया, “किन्नर अखाड़ा मेले में किन्नर महापुराण का भी लोकार्पण होगा। लोग हमारे बारे में कटाक्ष करते हैं क्योंकि लोगों को यह नहीं पता कि सनातन धर्म में किन्नरों का क्या वजूद था और इनका कितना महत्व था।”
महामण्लेश्वर ने बताया, “हमने छह जनवरी को देवत्व यात्रा (पेशवाई) निकालने की योजना बनाई है। चूंकि किन्नर अखाड़े का, प्रयाग का यह पहला कुंभ है, इसलिए देवत्व यात्रा कहीं अधिक भव्य होगी। इसके अलावा, यह किन्नर अखाड़े का दूसरा कुंभ है जिसमें देवत्व यात्रा निकाली जाएगी।
दिनेश त्यागी
जारी वार्ता