नई दिल्ली । बिहार एनडीए में सीटों के बटवारे की घोषणा करने आए जदयू प्रमुख और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा अदालत के माध्यम से ही तय होना चाहिए। उन्होंने घोषणा की कि बिहार में भाजपा और एनडीए 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि छह सीटें एलजेपी को दी गई हैं।
जेडीयू की ओर से राम मंदिर पर अपना स्टैंड पहले से ही साफ कर दिया है कि वह इस पर ज्यादा कुछ भी नहीं बोलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी हमेशा से यही इच्छा रही है कि इस मसले का कोर्ट के माध्यम से ही समाधान निकला जाए। रविवार को भी नीतीश कुमार ने कहा कि राम मंदिर मामले को कोर्ट द्वारा ही सुलझाना चाहिए। यह मामला पहले से कोर्ट में है।
कोर्ट जो फैसला करेगी वह सही होगा और उसे सभी पक्षों को स्वीकार भी करना चाहिए। माना जा रहा है कि संसद के शीतकालीन सत्र में राम मंदिर को लेकर विधेयक पेश किया जा सकती है। हालांकि भाजपा ने इस बारे में अभी तक कुछ भी नहीं कहा है। लेकिन उसके ऊपर भीतर से विधेयक लाने का भारी दबाव डाला जा रहा है। हाल ही में तीन राज्यों में भाजपा की पराजय के बाद सहयोगी संगठनों के अलावा भाजपा में ही एक बहुत बड़ा वर्ग मंदिर निर्माण के लिए अविलंब विधेयक लाए जाने के पक्ष में है। विश्व हिंदू परिषद मंदिर निर्माण के लिए हाल ही में एक विशाल धर्मसभा का भी आयोजन किया था। जिसमें परिषद ने सरकार से मंदिर निर्माण के लिए विधेयक पेश करने की बात कही थी।
रविवार को जेडीयू, भाजपा और एलजेपी द्वारा सीट शेयरिंग की घोषणा की गई। तीनों दलों ने साझा प्रेश कॉफ्रेंन्स करते हुए कहा कि भाजपा और जेडीयू बिहार में 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, एलजेपी 6 सीटों पर अपना कैंडिडेट उतारेगी। किस सीट पर किस दल के नेता उम्मीदवार होंगे, इस पर फैसला बाद में लिया जाएगा।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 23 दिसंबर 2018