चेन्नई । तमिलनाडु में फर्जी टैक्स बिलों के द्वारा करोड़ों रुपए के घोटाले के गौरखधंधे का खुलासा जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने किया है। डीजीजीआई ने 220 करोड़ रुपये के फर्जी कर बिलों के जरिए इनपुट-टैक्स क्रेडिट (उत्पादन सामग्री पर लगे कर के लाभ का दावा) के गोरखधंधे में लगी फर्जी कंपनियों के रैकेट का पर्दाफाश किया है। डीजीजीआई के अनुसार तमिलनाडु के चेन्नई और कोयंबटूबर में गुरुवार को कई व्यावसायिक और आवासीय परिसरों की तलाशी में इस गिरोह का पर्दाफाश हुआ। इस मामले में दो व्यक्ति गिरफ्तार किये गये हैं।
महानिदेशालय में अतिरिक्त महानिदेशक के बालाजी मजूमदार की ओर से रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस कार्रवाई में, फर्जी बिलों की प्रतियों समेत ऐसे कई दस्तावेज जब्त किये गये हैं जो अपराध को दर्शाने वाले हैं। इनमें बहुत सी पर्चियां ऐसी कंपनियों के लेटर हेड पर जारी की गयी थीं जो केवल कागजों में हैं। इस गोरखधंधे को अंजाम देने के लिए परिवार के सदस्यों और कर्मचारियों के पैन और आधार नंबर का इस्तेमाल कर के फर्जी कंपनियां का गठन और बैंक खाते खोले गए थे। माल की कोई वास्तविक आपूर्ति और प्राप्ति किए बना ही उनके बीच घुमा फिरा कर कारोबार दिखाया गया। माल की आपूर्ति किये बगैर ही 220 करोड़ रुपये से अधिक के वस्तुओं के फर्जी बिल तैयार किये गये। अधिकारियों ने इस कार्रवाई में 45 बैंक खातों के पहले से हस्ताक्षरित चेकबुक, 30 कंपनियों के नामों से रबड़ स्टैंप, कंप्यूटर हार्डडिस्क जब्त किये हैं।
विपिन/ईएमएस/ 24 दिसंबर 2018