2018 में प्रदेश में यह 21वीं फांसी की सजा का फैसला
भोपाल।
मध्य प्रदेश के भोपाल में विशेष अदालत ने बेटी से दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले पिता को फांसी की सजा सुनाई है। मप्र में वर्ष 2018 में यह 21वीं फांसी की सजा का फैसला है इनमें 19 मामलों में मासूम बच्ची या अवयस्क बच्चियों के साथ अपराध किए गए थे। भोपाल में भी यह जघन्य अपराधों के मामलों में छठवां फांसी की सजा का फैसला है। अभियोजन के अनुसार, 15 मार्च 2017 की रात साढ़े आठ बजे कोहेफिजा थाने में हमीदिया अस्पताल से सूचना मिली थी कि छह वर्षीय बच्ची की उसके घर में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। पुलिस जांच में पता चला था कि हत्या से पहले मासूम के साथ दुष्कर्म किया गया था। पुलिस पूछताछ में पिता ने बेटी की हत्या करना स्वीकारा था।
पुलिस जांच के मुताबिक, हत्या से पहले पिता पांच माह तक बेटी से अप्राकृतिक कृत्य और दुष्कर्म करता रहा। दोषी पिता को पत्नी के चरित्र पर शक था और वह मासूम को अपनी बेटी नहीं मानता था। पत्नी से नफरत के चलते उसने मासूम को हवस का शिकार बनाया था। मासूम बच्ची उसका कुकृत्य न बता दें इसलिए उसने उसकी हत्या करने की साजिश रची और घटना के दिन जानबूझकर अपना मोबाइल अपनी दुकान पर छोड़ दिया ताकि मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस यही समझे कि वह दुकान पर ही मौजूद था। पिता ने घर आकर मासूम के गले में दुपट्टे का फंदा बनाकर उसे फांसी पर लटका दिया ताकि यह लगे कि मासूम ने ही खुद खेल-खेल में फांसी लगा ली या किसी ने उसकी हत्या कर दी हो।
सुदामा/25दिसंबर2018