एक लाख से की आबादी वाले गहमर गांव में हर घर से सेना में है

गाजीपुर । लोकसभा चुनाव 2019 के लिए अंतिम चरण का मतदान 19 मई को होना है। ऐसे में पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर जिले के जवानों का गांव गहमर में राजनीतिक चर्चाएं एक तरफा हैं। स्थानीय निवासियों का मानना है कि एक लाख से अधिक की आबादी वाले गहमर गांव में हर घर से कोई न कोई सेना में है। एक समाजिक कार्यकर्ता के अनुसार यहां सर्जिकल स्ट्राइक, राष्ट्रवाद, नए भारत और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों ने जाति-धर्म की राजनीति को पीछे छोड़ रखा है। सभी को देश के लिए वोट करने की अपील की जाती है। गहमर सेना के जवानों का गांव है। हम सभी चीजों से ऊपर राष्ट्रवाद को रखते हैं। लोगों का कहना है कि आम गांव के लोगों की तरह यहां के निवासी भी जाति-धर्म के नाम पर बटे हुए थे लेकिन पुलवामा हमले के बाद वायुसेना के एयर स्ट्राइक ने यहां के लोगों को बदल दिया। आज लोग सोचते हैं कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में देश सुरक्षित है और उन्होंने सफलतापूर्वक राष्ट्र की सुरक्षा को मजबूत किया है।
सत्तारूढ़ भाजपा ने गाजीपुर संसदीय सीट से केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा मैदान में उतारा है, जबकि अफ़ज़ल अंसारी समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार हैं। दोनों नेताओं ने गांव का दौरा किया और स्थानीय लोगों का समर्थन मांगा। गाजीपुर संसदीय सीट की बात करे तों यहां 40 फीसदी ठाकुर, 20 फीसदी ब्राह्मण, 10 फीसदी दलित, पांच फीसदी मुस्लिम और 25 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी हैं। राजनेता वोट मांगने गांव आते हैं। गहमर गांव का हर मतदाता इन दिनों राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंतित है। वे हर नेता की बात सुन रहे हैं, ले‎किन वोट किसे देना है किसी को साफ तौर पर नहीं बता रहे हैं।
वहीं जिले में बेरोजगारी अभी भी एक गंभीर समस्या है बनी हुई है। आवारा पशु किसानों के लिए परेशानी का बने हुए हैं। कुछ लोगों का कहना है कि सरकार ने पिछले पांच साल में एक भी कारखाना नहीं खोला है। वोट देने जाते समय लोग इन मुद्दों को ध्यान में रखेंगे। गमहर के बारे में- गहमर को एशिया का सबसे बड़ा गांव कहा जाता है। यहां की जनसंख्या करीब 1 लाख 20 हजार से अधिक है। जानकारी के मुताबिक यह 1,530 गांव में फैला हुआ है। गाजीपुर जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर स्थित गहमर में एक रेलवे स्टेशन है, जो पटना और मुगलसराय से जुड़ा है। दावा है कि गांव के 12 हजार फौजी भारतीय सेना में जवान से कर्नल तक पदों पर हैं, जबकि 15 हज़ार से अधिक भूतपूर्व सैनिक हैं। कई ऐसे परिवार भी हैं, जिसमें दादा भूतपूर्व सैनिक हैं तो बेटा सेना का जवान। वहीं पोता सैनिक बनने की जी तोड़ कोशिश में लगा हुआ है।
सतीश मोरे/16मई