दर्पण झूठ न बोले

सुधा बुखार व बदन दर्द से बेहाल हुई जा रही थी। रात के नौ बज रहे…

काष मेरा विष्वास तो करती मॉं !

होम डेकोर के शो रूम के शुभारम्भ पर मॉं की तस्वीर पर माला चढाकर जैसे ही…

🙋‍♀️*ओस की बूँद* 🙎‍♀️

गली के मुहाने पर पहुँच कर, ‘अंजली’ के कदम रुक गए थे।आज वो उस गांव मे…

#दूरदर्शी**

“रोक-रोक साइकिल रोक, रवि! जिस सिनेमा हॉल का नाम बताया था, वही है।” दोनों सिनेमा हॉल…

मर्यादा

“क्या बात है छोटी.!!!!! “ये सामान बाँध कहाँ जा रही हो…??” “मैं जा रही हूँ जीजी…और…

पार्टी

आईटी प्रोफेशन की अंतहीन मीटिंग्स पूरे सप्ताह झेलते हुए  अमन और उसके चारों दोस्त शुक्रवार आते…

प्यासा पनघट

“क्या बात है पारो? कई दिनों से देखती हूँ  तुम पनघट पर अकेली  देर तक बैठी…

मेरा नया घर !

अपने जमाने के मशहूर लेखक मुरारीलाल जीवन के 75 वसंत देख चुके। आज अचानक एक सेमिनार…

बर्फीली रात

सोनी उत्तराखंड के एक छोटे से शहर में रहती थी।  अपनी दादी के साथ अकेले रहती…

मंजरी

मंजरी अभी अपने नित्य कार्यों से फारिग होकर बैठी ही थी कि आसमान में बादल घिर…