किसका कार्य?

आज 21वीं सदी में, हम पूरी तरह से दकियानूसी सोच से आजाद हो चुके हैं, फिर…

जिम्मेदारी

 ”कल सारे मेहमान आ जायेंगे, क्या सोचा है तुमने?” ”किस बारे में?” ”तुम्हे अच्छे से पता…

वक्त अभी बाकी है..

_________________ “यार रमेश !तुम क्या चाहते हो ,मुझे अब तक समझ नही आया.हर लड़की में कमियाँ…

टूटते परिवार !

========== ” क्या माताजी जी आप भी बड़ी कंजूस हैं ।आपकी  गांठ से पैसे छूटते ही…

कमला बाई

बाम्बे जैसे व्यस्त शहर में कहां किसी के पास टाईम, बस बस लगे पड़े आपा धोपी…

खामोशी की सज़ा

          जीवन में ज्यादा खमोश रहना भी ठीक नहीं होता। कोई भी बात एक सीमा तक सुनी…

जोदी तोर डाक शुने—

 पाखी को होश आ गया था लेकिन अब भी उसका सिर बुरी तरह से घूम रहा…

कशमकश

     अजीब सी कशमकश में थी डॉ रिचा, पहले पिता, फिर चाचा, फिर भतीजा और आज डॉ…

पत्थर

 सुनहरे से मनभावन पत्थर की कहानी है। उस पत्थर को कोई भी इधर उधर सरकाता रहा,…

समीक्षा

अज्ञातवास में सैरन्ध्री बनी द्रौपदी के मन की थाह लेता प्रबंध-काव्य आज मैंने अपने घर का…