डॉ. सुरेश कुमार मिश्रा उरतृप्त, मो. नं. 73 8657 8657 सूर्य देवता बहुत दिनों के बाद…
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नूर की बूँद है सदियों से बहा करती है”
“प्रेम वो खजाना है जिसे मिल जाए उसकी ज़िस्त जन्नत से कम नहीं होती, प्रेम की…
“तुम रक्षक कांहुँ को डरना”
“तुम रक्षक कांहुँ को डरना” ये पंक्तियां मस्तिष्क में बैठा के रखें, की किसी से कोई…
समाजवाद का इत्र या बीजेपी की खुशबू
हाल ही में प्रदेश और देश में चारों तरफ कोरोना के कारण जो उथल-पुथल का माहौल…
क्या कन्नौज में इत्र से बरसे धन ने नोट बंदी, भ्रष्टाचार और जीएसटी की हकीकत खोल कर रख दी ?
क्या उनके गिरेबान तक पहुंच पाएंगे एजेंसी के हाथ जिनके संरक्षण में बरसा काला धन ?…
इति कुर्सी काव्य अष्टामृताई
कुर्सी अमृत है जगत में, बाकी सब विषबेल। कुर्सी अनंत अनादि है, कुर्सी ही जीवन खेल।1।…
शिवराज मस्त जनता त्रस्त
राजनीतिक समीकरण जिस प्रकार आमजन पर हावी होते जा रहे हैं उसका सीधा प्रभाव आमजन की…