इंदौर, १७ मई। बीएड घोटाले के बाद अब विश्वविद्यालय सीईटी परीक्षा घोटाले में पंâस रहा है। उसने जल्दबाजी में परीक्षा का टेंडर जारी कर निजी वंâपनी को ठेका दे दिया है जिसे कार्यपरिषद सदस्य नियमों के खिलाफ बता रहे है।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की सीईटी परीक्षा जून में है। यह परीक्षा ऑनलाइन होगी। इसे आउट सोर्स किया जा रहा है। टेंडर के जरिए एक वंâपनी को परीक्षा की जिम्मेदारी दी है जिसके एवज में उसे करोड़ों रूपए का भुगतान किया जाएगा। कार्य परिषद सदस्य आलोक डाबर का कहना है कि यह नियमों के खिलाफ है। कुलपति को सिर्पâ ८ लाख रूपए खर्च करने का अधिकार है। इससे ज्यादा के लिए कार्यपरिषद परिषद की मंजूरी लेना होती है लेकिन विश्वविद्यालय ने मंजूरी ली ही नहीं। इस मामले में कुलपति की शिकायत राज्यपाल को करने वाले हैं।