नई दिल्ली भारत के 6 साल पहले मंगल ग्रह पर जाने के बाद अब इसरो की मिशन शुक्र ग्रह (वीनस) की तैयारी है। इसरो ने अगले १० वर्षों में सात वैज्ञानिक मिशन की योजना बनाई है, जिसमें २०२३ में शुक्र ग्रह की तारीख भी शामिल है। अगले १० सालों में २०२० में ब्रह्मंडीय विकिरण का अध्ययन करने के लिए एक्सपोसेट, २०२१ में सूर्य के लिए एल-१, २०२२ में मंगल मिशन-२, २०२४ में चंद्रयान-३ और २०२८ में सौरमंडल के बाहर एक खोज इसरो की सूची में शामिल हैं। आकार, संरचना और घनत्व में समान होने की वजह से शुक्र ग्रह को पृथ्वी की जुड़वां बहन माना जाता है। मिशन शुक्र ग्रह, वहां की सतह और इसकी उप-सतह, वायुमंडलीय रसायन विज्ञान और सौर हवाओं के अध्ययन पर केंद्रित होगा। इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने कहा कि ये उत्साह से भरा हुआ मिशन है। सिवन ने श्रीहरिकोटा में १०८ स्कूली छात्रों को युविका-२०१९ के युवा
वैज्ञानिक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा कि हमें दुनिया भर से शानदार प्रतिक्रिया मिली है और हमारी २० से अधिक पेलोड की योजना है। इसरो अध्यक्ष ने कहा कि आदित्य एल१ और एक्सपोसेट मिशन परिभाषित किए हैं। बाकी योजना चरणों में हैं। सिवन के अनुसार अदित एल१, सूर्य मिशन पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन को समझने और भविष्यवाणी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।