जयपुर । यों तो प्रदेश की दोनो बड़ी पार्टियां राजस्थान की दो तिहाई सीटें जीतने का दावा कर रही है तो दोनो पार्टियों का केन्द्रीय नेतृत्व भी केन्द्र में सत्ता में आने की बात कर रहा है पर उनकी बात सत्यापित 23 तारीख को होगी जब जनता का निर्णय ईवीएम से बाहर आयेगा। फिलहाल प्रदेश में दोनो ही पार्टियों में चर्चा आम है कि खुदा ना खास्ता गर बहुमत नहीं मिला तो गाज प्रदेश के बड़े पदाधिकारी बने बैठे व्यक्तित्वों पर गिरने वाली है चर्चा यह भी है कि प्रदेश के प्रभारी और सहप्रभारियों को इसका दंड दिया जा सकता है चूंकि प्रदेश अध्यक्ष बदलने के नाम पर कांग्रेस-भाजपा दोनो पार्टियों में एक कोमन बात है कि सचिन पायलट राहुल गांधी के नजदीकी माने जा रहे है तो मदनलाल सैनी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नजदिकी आदमियों में से एक है जिसका खुलासा प्रधानमंत्री मोदी ने भी प्रचारक के तौर पर एक स्कूटर पर काम किया था का खुलासा एक सभा के दौरान कर दिया था। मौजूं सवाल यह है कि ऐसे में अगर कांगेस को वांछित सफलता हासिल नहीं होती है तो प्रभारी, सहप्रभारी, प्रदेश संगठन में पद संभाल रहे नेताओं पर गाज गिरना लाजमी बनता है जिसकी भी अपुष्ट खबरे पिछले दिनों ही प्रभारी मंत्रियों पर तलीनता से काम नहीं करने के आरोप के तहत हटाने की सुरसुराहट चली थी ठीक यही बात भाजपा के अंदर चल रही है। इन खबरों के मुताबिक दोनो ही पार्टियों के राज्य स्तरीय बडे नेतृत्वों के मन में ऊहापोह की स्थिति 23 मई को लेकर बनी हुई है।
अशोक शर्मा/ 5 बजे/ 19 मई , 2019