लाइफलाइन अब सीधे कम्पनियों से दवायें खरीदेगी

मरीजों को मिलेगी दोगुनी दवाईयों की सौगात
जयपुर । पिछले दिनों प्रदेश के सबसे बड़े नामचीन सवाईमानसिंह अस्पताल की लाइफलाइन दवा ब्रिकी एजेंसी में लगी आग के कारण आई परेशानियों को देखते हुए लाइफलाइन अब पहले से उपलब्ध करा रही दवाओं की संख्या दोगुनी करने जा रही है इसके लिए मरीजों को किस तरह की , किस आधार पर कम कीमत में दवायें मिलेगी को लेकर लाइफलाइन ने सीधे निर्माता कंपनियों से टेंडर लिया है।
दरअसल, 2012 के बाद अस्पताल प्रशासन ने हाल ही में नया टेण्डर फाइनल करने में सफलता हासिल की है यह पहला मौका होगा, जिसमें फर्मों के बजाय सीधे कम्पनियों को टेण्डर दिया गया है. इसका सीधा का असर नई जगह पर शुरू होने वाली लाइफ-लाइन के बदले स्वरूप के रूप में देखने को मिलेगा. पिछले सात सालों से जहां मरीजों को लाइफ लाइन पर 1200 आइटम उपलब्ध होते थे, यह आंकड़ा अब 2700 पार पहुंच गया है. यानी मरीजों को सस्ती दर पर 2700 तरह की दवाएं उपलब्ध होगी। एसएमएस अस्पताल की लाइफ लाइन के टेण्डर तो फाइनल हो चुका है, लेकिन नई कम्पनियों ने जैसे ही काम हाथ में लेती, उससे पहले ही लाइफ लाइन में आग लग गई. अब अस्पताल प्रशासन नई जगह यानी 23 नम्बर कक्ष में मुख्य लाइफ लाइन शुरू कर रहा है. इसके साथ ही मरीजों की सुविधा और अस्पताल में लपकों पर अंकुश लगाने के लिए ये भी कवायद की जा रही है कि वार्ड से सीधे लाइफ लाइन को कनेक्शन किया जाए। ताकि मरीज के परिजन लपटों के चंगुल में न आए और उन्हें सस्ती दर पर दवाएं उपलब्ध हो. इसके साथ ही 300 के आसपास नए आइटम और लाइफ लाइन से जोड़े जाएंगे, जिसके लिए टेण्डर प्रक्रिया जारी है. इसके बाद लाइफ लाइन में आइटमों की संख्या बढक़र 3000 के आसपास हो जाएगी. एसएमएस अस्पताल की लाइफ लाइन के बदले स्वरूप को लेकर यह कहा जा सकता है कि देर आए दुरूस्त आए उम्मीद ये ही की जा रही है कि हाल में अग्निकाण्ड की कालिख में बदनाम हुई लाइफ लाइन की छवि अस्पताल प्रशासन के नए प्रयास से कुछ सुधरेगी अगर वार्ड से लाइफ लाइन की कनेक्टिविटी की कवायद धरातल पर उतरी, तो निश्चित तौर पर इसका सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा. ऐसे में देखना ये होगा कि दवा माफियाओं के दबाव के बीच अस्पताल प्रशासन यह सख्त कदम उठा पाता है या सिर्फ कागजों में ही यह कवायद जारी रहेगी।
अशोक शर्मा/ 5 बजे/ 19 मई , 2019